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आयुष्मान ने बताई सच्चाई, इसलिए बनी 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' कॉमेडी फिल्म

आयुष्मान ने कहा, हरेक फिल्म का ग्रामर अलग होता है और डायरेक्टर का विजन अलग होता है। हितेश (डायरेक्टर) अगर 'आर्टिकल 15' जैसी फिल्म बनाता तो शायद सटायर बनाता। मेरा इस बारे में डिसकशन भी हुआ था, मुझे लगा इसे सटायर बनाते हैं।

आयुष्मान ने बताई सच्चाई, इसलिए बनी 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' कॉमेडी फिल्म
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एक बाद हिट एक फिल्मों की झड़ी लगाने वाले एक्टर आयुष्मान खुराना की हाल ही में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' फिल्न रिलीज हुई है। इस फिल्म में आयुष्मान एक दम अलग किरदार यानी एक गे के किरदार में नजर आए हैं। फिल्म गे जैसे सेंसटिव गंभीर मुद्दे पर बेस्ड है। पर फिल्म का ट्रेलर और फिल्म आपको जी भर कर हंसाती है। अब इस सीरियस मुद्दे को 'आर्टिकल 15' जैसे तरीके से परोसे जाने की बजाय फिल्म को कॉमेडी के रूप में परोसा गया है। जिसके चलते दर्शकों को बीच दो मत हैं। इस बारे में जब मुंबई लाइव ने आयुष्मान से पूछा तो उन्होंने इसके पीछे की सच्चाई बताई। 

हरेक फिल्म का ग्रामर अलग होता है और डायरेक्टर का  विजन अलग होता है। हितेश (डायरेक्टर) अगर 'आर्टिकल 15' जैसी फिल्म बनाता तो शायद सटायर बनाता। मेरा इस बारे में डिसकशन भी हुआ था, मुझे लगा इसे सटायर बनाते हैं। उसकी रीच ज्यादा होती है। वैसे देखा जाए तो 'आर्टिकल 15' एक मल्टीप्लैक्स फिल्म थी। उसने 65 करोड़ का कारोबार किया, यह अगर सटायर होता तो 100 करोड़ भी हो सकता था।

आयुष्मान ने आगे कहा, ह्यूमर के साथ आपको हमेशा ज्यादा दर्शक मिलते हैं। आप रोजमर्रा की जिंदगी में 9 से 5 बजे वाली नौकरी करते हैं, आप कुछ सीरियस नहीं लेना चाहते हैं। क्योंकि आपकी जिंदगी पहले से ही काफी सीरियस है। अब जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि हरेक फिल्म की अपनी एक ग्रामर होती है और हरेक डायरेक्टर का अपना एक विजन होता है। जिसे मैं फॉलो करता हूं। बेशक मैं अनुभव सर के साथ और भी फिल्में करना चाहता हूं। उनका अपना एक स्वर है, जो मेरे स्वर से बहुत अलग है। और मेरे लिए वह बहुत काम करता है। पर जो मैं अभी कर रहा हूं वह मेरे लिए एक स्टेबल जॉनर है। यह विजन सिर्फ मेरा विजन नहीं बल्की डायरेकेटर और आनंद सर (आनंद एल राय)का विजन है कि फिल्म फैमिली एंटरटेनर बनें।


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