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कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लग सकता है 300 लाख करोड़ का फ़टका

एशियाई विकास बैंक ने यह भी अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत की आर्थिक विकास दर मौजूदा वित्तीय वर्ष में घट कर 4 प्रतिशत पर आ जाएगी।

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लग सकता है 300 लाख करोड़ का फ़टका
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कोरोना के कारण कई देशों में कर्फ्यू की स्थिति है। जिसकी वजह से दुनिया भर के उद्योग धंदे और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं।  एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भविष्यवाणी की है कि इस लॉकडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 300 लाख करोड़ (4 लाख करोड़ डॉलर) तक का नुकसान हो सकता है।  एशियाई विकास बैंक ने यह भी अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत की आर्थिक विकास दर मौजूदा वित्तीय वर्ष में घट कर 4 प्रतिशत पर आ जाएगी।

एडीबी अपनी रिपोर्ट में कहता है कि कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है।  कोरोना ने वैश्विक विकास को प्रभावित किया है जिससे भारत भी अछूता नहीं है।  फिर भी, भारत का व्यापक आर्थिक आधार मजबूत है और आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में सुधार होने केे आसार हैं।

एशियाई विकास आउटलुक 2020 में कहा गया है कि, भारत की जीडीपी विकास दर 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

एडीबी का अनुमान है कि इस साल एशिया की वृद्धि दर 2.2 फीसदी हो सकती है। 1998 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद पहली बार विकास दर धीमी होगी, जब विकास दर 1.7 थी। इस साल चीन की विकास दर में 2.3 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है। जबकि साल 2019 में यह 6.1 प्रतिशत थी।  

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कोरोना के कारण वैश्विक श्रम बल को 70 लाख करोड़ रुपये से लेकर 250 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।  यह वर्ष 2-3 साल की मंदी की तुलना में मंदी का सबसे खराब समय हो सकता है।  

इस साल इस मंदी के कारण 2.5 मिलियन लोग अपनी नौकरी गंवा सकते हैं।  ग्लोबल जीडीपी साल 2020 में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।  इससे वैश्विक बेरोजगारी बढ़ेगी।  

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की विकास दर में 2 प्रतिशत की कमी की है।  यह 30 साल में न्यूनतम स्तर होगा। इसके पहले के यह अनुमान को घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया गया था।

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