Advertisement

कोरोना ने दिया होटल इंडस्ट्री को बड़ा झटका, 1.30 लाख करोड़ की लगी चपत

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, भारत में होटल उद्योग को साल 2020-21 में 1.30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

कोरोना ने दिया होटल इंडस्ट्री को बड़ा झटका, 1.30 लाख करोड़ की लगी चपत
SHARES

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण होटल उद्योग (hotel industry) को सबसे बड़ा झटका लगा है। देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी होटल उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। पिछले कोरोना (Covid19) काल से लेकर इस बार के कोरोना तक होटलों की स्थिति डांवाडोल ही रही है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, भारत में होटल उद्योग को साल 2020-21 में 1.30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 

FHRAI की तरत से होटल उद्योग को इस संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार से मांग की है।FHRAI ने इस संबंध में प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों को पत्र भेजा है। FHRAI ने इस पत्र के जरिए सरकार से होटल सेक्टर को आर्थिक मंदी से निकलने और आर्थिक उपाय करने की अपील की है।

वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय होटल उद्योग का राजस्व 1.82 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन, कोरोना संकट के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में होटल उद्योग के राजस्व में 75 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इस उद्योग को 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। जिसके कारण कई होटल व्यवसाइयों ने अपने होटलो बंद करने का विकल्प चुना है। व्यवसाइयों  के इस निर्णय से लाखों नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है।

एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा कि "मार्च 2020 से उद्योग अपने खर्चों का प्रबंधन करने की पूरी कोशिश कर रहा है। ब्याज सहित कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है। कोरोना की दूसरी लहर इस बात का संकेत नहीं है कि होटल इंडस्ट्री ठीक हो रही है। अगर ईएमआई और ब्याज भुगतान स्थगित नहीं किया गया तो यह सेक्टर पूरी तरह तबाह हो जाएगा।

कोहली ने आगे कहा, 'हमने सरकार से होटल क्षेत्र के लिए विशेष नीति लाने की अपील की है। अब सरकार को इस क्षेत्र को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके बिना क्षेत्र फिर से पटरी पर नहीं आ पाएगा। सरकार को इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान करने चाहिए, जिसमें बिना समय बर्बाद किए वैधानिक शुल्क समाप्त करना शामिल है।"

FHRAI की तरफ से मांग की गई है कि, सरकार लॉकडाउन अवधि के दौरान संपत्ति कर, पानी शुल्क, बिजली शुल्क और उत्पाद शुल्क लाइसेंस शुल्क माफ करे। साथ ही होटल उद्योग को फ़िर से पटरी पर लाने के लिए सरकार को कम ब्याज दरों पर पूंजी उपलब्ध करानी चाहिए।

FHRAI ने नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग की है।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें