आम लोगों की जेब एक बार फिर कटने की संभावना है। 7 मार्च के बाद ईंधन की कीमतों में 12 रुपये की बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके साथ पेट्रोल की कीमत 121 रुपये प्रति लीटर हो सकती है। इसकी मुख्य वजह गुरुवार को कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई।
रूस और यूक्रेन (russia ukrain war)के बीच जारी जंग ने कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ला दी है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को यह थोड़ा गिरकर 111 प्रति बैरल पर आ गया। उधर, देश के पांच राज्यों में चुनावी माहौल के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के आधार पर तेल कंपनियों को कीमतों में कम से कम 12 रुपये की बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। ऐसे में कुछ राज्यों में पेट्रोल 121 रुपये और डीजल 110 रुपये के पार जाएगा। भारत में ईंधन की कीमतें हर सुबह अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं।
3 मार्च को कच्चे तेल की कीमतें 2012 के बाद पहली बार 120 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। नवंबर में इसकी कीमत 800 प्रति बैरल थी। यानी 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी। 4 मार्च को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये और मुंबई में 109.9 रुपये थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा। रिजल्ट 10 मार्च को जारी किया जाएगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, ऑटो फ्यूल मार्केटिंग का मार्जिन 3 मार्च तक 4.92 रुपये प्रति लीटर था, जो चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 1.61 रुपये प्रति लीटर था।
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