मुंबई में जहां एक तरफ प्रदुषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर शहर में गाड़ियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार 2012 से 2017 के दौरान मुंबई में पिछलें पांच सालों से 10 लाख से ज्यादा गाड़ियों का पंजीकरण किया गया है। मुंबई में फिलहाल 32 लाख गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन है।
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दिलचस्प बात यह है कि 1980-81 में 3.2 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया था तो वही 2000-01 में 10.29 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया। विशेषज्ञों का मानना है की इस रफ्तार से आनेवाले 5 से 10 सालों में मुंबई में गाड़ियों की संख्या और भी बढ़ जाएगी।
क्या है वजह
दरअसल पिछलें कुछ समय से बाजार मे फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध होने के कारण लोगों में वााहनों को लेने की उत्सुकता बढ़ी है और इसके साथ ही लोगों मे गाड़ी निकालने के लिए बड़े ही आसान तरिके से लोग उपलब्ध हो जा रहे है।
दुपहिया वाहनों की संख्या जल्द ही सड़कों पर निजी कारों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। वर्तमान में, निजी कार की आबादी 10 लाख के करीब है, जबकि दोपहिया वाहन 18 लाख पार कर गई है।