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'ये दस साल परेशानियों के नाम’


'ये दस साल परेशानियों के नाम’
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‘ये दस साल आपके नाम’ की धूम इन दिनों हर तरफ सुनाई दे रही है। 2008 में शुरू हुआ आईपीएल का इस बार दसवां सीजन चल रहा है। मुंबई के वानखेडे में भी आईपीएल के मैच चल रहे हैं। जहां आईपीएल खेल प्रेमियों को लिए मस्ती और खुमारी लेकर आया है वहीं मरीन ड्राइव में रहने वालों के लिए मुसीबत बन गया है। 

वानखेडे स्टेडियम में मैच देखने के लिए जाने वाले लोग गेट 3 का इस्तेमाल करते हैं। जिससे यहां रहने वालों को पार्किंग, फेरीवालों और ट्रैफिक की समस्या झेलनी पड़ती है। अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसे डॉक्टर के पास ले जाने में पेरशानी होती है। साथ ही स्टेडियम के बाहर कचरे का सम्राज्य फैला हुआ है। इसके लिए एएलएम के माध्यम से मरीन ड्राइव रेसिडेंट एसोसिएशन करीब 10 वर्ष से लड़ाई लड़ रही है।

ऐसी बढ़ी है यहां के रहिवासियों की परेशानी-

वर्ष 2008 – आईपीएल के पहले चरण में प्राइवेट सुरक्षा व्यवस्था, फेरीवालों के चलते यहां के लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
वर्ष 2009 – पहले चरण में परेशानी झेल चुके मरीन ड्राइव रेसिडेंट एसोसिएशन ने सरकारी यंत्रणा और आईपीएल के प्रमुख अधिकारियों से संवाद साधा।
वर्ष 2010 - पुलिस यंत्रणा और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने रहिवासियों की परेशानी खत्म करने का प्रयास किया।
वर्ष 2011 - कार पार्किंग और वैलेट सिस्टम की रहिवासियों द्वारा मांग।
वर्ष 2012 - एंबुलेंस के साथ स्थानीय लोगों की गाड़ी के लिए मार्ग आसान बनाया गया।
वर्ष 2013 - वैलेट पार्किंग का प्रश्न निपटा।
वर्ष 2014 – आईपीएल के सभी भागीदार और मरीन ड्राइव रेसिडेंट एसोसिएशन की पहली बैठक।
वर्ष 2015 - परिसर स्वच्छ रखने के लिए प्रयत्न किया गया।
वर्ष 2016 – फेरीवालों को समाधान निकालने का प्रयास किया गया ।
वर्ष 2017 – इस साल स्थानीय लोगों की परेशानी थोड़ा कम हुई है।


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