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राष्ट्रीय लोक अदालत में राज्य में 12 लाख 45 हजार मुकदमों का फैसला हुआ

यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में वसूला गया 39 करोड़ 10 लाख जुर्माना; 1520 वैवाहिक मामले भी समझौते से निस्तारित किये गये

राष्ट्रीय लोक अदालत में राज्य में 12 लाख 45 हजार मुकदमों का फैसला हुआ
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महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में 12 लाख 45 हजार 202 मामलों का निपटारा किया गया। इसमें 10 लाख 83 हजार 971 प्री-लिटिगेशन मामले, 1 लाख 11 हजार 352 लंबित मामले और 49 हजार 879 मामले विशेष बैठक में निपटाये गये। दिलचस्प बात यह है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में महाराष्ट्र में ई-ट्रैफिक मुद्दे के 5 लाख 52 हजार 752 मामलों को समझौते के माध्यम से हल किया गया है, और क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने इसमें से 39 करोड़ 10 लाख 66 हजार 850 रुपये की वसूली की है। (12 lakh 45 thousand cases were decided in the National Lok Adalat in the state)

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय, न्यायाधीश एवं महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन जामदार के मार्गदर्शन में 3 मार्च को राज्य की सभी अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राज्य के 34 जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों, 3 उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समितियों, उपसमितियों और 305 तालुका कानूनी सेवा समितियों में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया।

इन सभी मामलों में संबंधित पक्षों को वर्चुअली नोटिस भेजा गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के बाद दोनों पक्षों की सहमति से मामले का समझौता कर लिया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले का निपटारा होने के बाद उस पर फैसला सुनाया जाता है और वह फैसला अंतिम होता है। यह एक डिक्री का रूप लेता है। उस पुरस्कार के विरुद्ध अपील का कोई प्रावधान नहीं है।

महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष और न्यायमूर्ति नितिन जामदार ने राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए महाराष्ट्र के जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, तालुका कानूनी सेवा समिति को लोक अदालत से पहले विभिन्न बैठकें कीं। पक्षों को उनके मामले के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

अत: नेशनल पीपुल्स कोर्ट को लेकर सकारात्मक माहौल बना। इस समय मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले, जमानत वसूली दावे, न्यायालय में लंबित समझौते योग्य आपराधिक मामले, वैवाहिक मामले, चेक अनादर के मामले, बिजली कंपनियों द्वारा दायर मामले, वित्तीय संस्थानों और मोबाइल फोन कंपनियों के धन वसूली मामले और पुलिस यातायात से संबंधित मामले राष्ट्रीय लोक अदालत में अभियोग दायर किया गया था

खास बात यह है कि प्रदेश में 1520 वैवाहिक मामले भी समझौते से निपट गए और 302 जोड़े शादी के लिए राजी हो गए। मुंबई में एक मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले में हाईब्रिड सुनवाई में 2 करोड़ 92 लाख रुपये के अवार्ड को मंजूरी दी गई। प्रदेश में कुल 3582 से अधिक मोटर दुर्घटना मुआवजा प्रकरण निस्तारित किये गये हैं। महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण ने बताया है कि अगली राष्ट्रीय लोक अदालत 5 मई को आयोजित की जाएगी।

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