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एसआरए के लिए अब 50 फिसदी लोगों की ही मंजूरी की जरुरत !

पहले ये मंजूरी 70 फिसदी थी, जिसे घटाकर अब 50 फिसदी कर दिया गया है।

एसआरए के लिए अब 50 फिसदी लोगों की ही मंजूरी की जरुरत !
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एसआए यानी की (झोपडपट्टी पुनर्विकास प्रकल्प) को अब सिर्फ किसी भी झोपड़्पट्टी में रहनेवालों में से सिर्फ 50 फिसदी लोगों की ही मंजूरी चाहिए होगी। पहले ये मंजूरी 70 फिसदी थी, जिसे घटाकर अब 50 फिसदी कर दिया गया है। सरकार ने इसके लिए बकायदा एक परिपत्रक भी जाहीर किया है। जिसके कारण अब आगे के सारे प्रोजेक्ट के लिए 50 फिसदी लोगों की ही मंजूरी की जरुरत होगी। जिसकी जानकारी झोपडपट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।


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आखिर क्यों फ्लॉप साबित हुआ एसआरए

मुंबई को झुग्गी-मुक्त करने के लिए एसआरए की स्कीम लाई गई थी। लेकिन इस योजना ने उतनी रफ्तार नहीं पकड़ी जितना सरकार को अंदाजा था। इसलिए, मुंबई को झोपड़ी मुक्त करने का सपना अभी भी पूरा नहीं हुआ है। एक अध्ययन में ये बात सामने आई है की एसआरए का कई स्थानिय लोगों ने विरोध किया है जिसके कारण यह योजना सफल नहीं हो पा रही है।


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कई प्रोजक्ट अधर में लटके

किसी भी बिल्डर को एसआरए में झोपड़पट्टियों को तोड़कर इमारत बनाने के लिए वहां के 70 फिसदी झोपड़पट्टी रहिवासियों की इजाजत जरुरी थी, जिसके कारण कई बिल्डरो के पास 70 फिसदी लोगों की इजाजत नहीं थे। नतीजा ये हुआ की कईयों के प्रोजेक्ट अभी तक अधर में लटके पड़े है। लिहाजा सरकार ने इन कार्यों को तेज करने के लिए इसे अब 50 फिसदी कर दिया है। जिससे बिल्डरों को राहत मिल सके और उनका प्रोजेक्ट पूरा हो सके।


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13 दिसंबर से होगा लागू

13 दिसंबर के बाद से जो कोई भी नया प्रोजेक्ट एसआरए के तहत आएगा , उसे सिर्फ 50 फिसदी लोगों की ही मंजूरी की जरुरत होगी। हालांकी झोपड़पट्टियों में रहनेवाले लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया है।

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