बीएमसी ने तय किया था कि अगर मुंबई की कोई भी सोसायटी अपने परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग करती है और वह सुखा कचरा-गीला कचरा अलग-अलग रखती है तो उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स में 15 फीसदी की छुट दी जाएगी। महाराष्ट्र सोसायटीज वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रभू का कहना है कि इस ऑफ़र का फायदा उठाने के लिए मुंबई की 60 से 70 हजार की संख्या में सोसायटी आगे आ सकती हैं।
मुंबई में इस समय 35 हजार को-ऑपरेटिव सोसायटी और 35 हजार अन्य इमारतें हैं। इस तरह कुल 70 हजार इमारतों में से बमुश्किल 10 फीसदी सोसायटी वालों ने ही रेन हार्वेस्टिंग को अपनाया है। बताया जाता है कि अभी भी 90 फिसदी सोसायटियों को अभी भी रेन हार्वेस्टिंग अपनाना है।
आता है 2 से 4 लाख रूपये का खर्च
प्रभु के अनुसार रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बनाने के लिए सोसायटी को अपने परिसर में एक बोरवेल बनाना पड़ेगा, नहीं तो वह पानी की टंकी भी बना सकता है।
अन्य सामान को लेकर 2 से 4 लाख रूपये का खर्च आ सकता है।
एक बार बन जाने पर यह 5 से 7 साल तक चलता है।
वे आगे कहते हैं कि पुराने सोसायटी वाले रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लगाने से मना कर देते हैं, लेकिन हर साल होने वाले पानी की कमी को देखते हुए एक दिन उन्हें भी आगे आना पड़ेगा।
इस तरह की मिलती है छूट
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