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बेस्ट बसों के कंडक्टरों और ड्राइवरों के रोजगार को आउटसोर्स करने का आम आदमी पार्टी का विरोध


बेस्ट बसों के कंडक्टरों और ड्राइवरों के रोजगार को आउटसोर्स करने का आम आदमी पार्टी का विरोध
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बेस्ट प्रशासन (BEST)  अब कंडक्टरों और ड्राइवरों के रोजगार को आउटसोर्स (outsource)  करने की योजना बना रहा है। जिसका राजनीतिक पार्टियों ने अब विरोध शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी (aap) ने अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा है कि पहले से ही बसों को विभिन्न ठेकेदारों को आउटसोर्स कर दिया गया है और अधिकांश बेस्ट बसें निजी एजेंसियों से ठेके पर लेकर चलाई जा रही हैं। कार्यबल को अब आउटसोर्स करने का यह प्रयास अंततः बेस्ट का निजीकरण करने का प्रयास है। सभी मुंबईकर इस कोशिश के खिलाफ हैं। 

पार्टी ने जारी आने बयान में कहा है की सुचारु और किफायती दरों पर परिवहन प्रदान करना हर सरकार की जिम्मेदारी और कर्तव्य है। बेस्ट बसें मुंबईकरों की जीवन रेखा है और यह मुंबईकरों का गौरव भी है। यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार और मुंबई मनपा (BMC) की संयुक्त जिम्मेदारी है कि बेस्ट बस सेवा अन्य करों के माध्यम से वित्त पोषित रहे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लोगों के लिए टिकाऊ और सस्ती परिवहन सेवा उपलब्ध हो।

आम आदमी पार्टी की नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने कहा ," बेस्ट प्रशासन उन हजारों कंडक्टरों और ड्राइवरों को आजीविका से वंचित करने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने बाढ़, महामारी या किसी भी प्रकार की आपात स्थितियों में मुंबई की लगातार सेवा की है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से पिछले दरवाजे से यह बेस्ट का निजीकरण करने की कोशिश है, जिसे आम आदमी पार्टी बिल्कुल सहन नहीं करेगी। इस मुद्दे पर तमाम मुंबईकरों की आवाज बनकर आम आदमी पार्टी जोरदार संघर्ष करेगी। यह सुनिश्चित करना हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि उनके रोजगार को नुकसान न पहुंचे ।"

आम आदमी पार्टी ने आज बेस्ट महाप्रबंधक, महापौर और मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए"


उन्होंने कहा कि " बेस्ट के ड्राइवरों और कंडक्टरों के रोजगार का निजीकरण करने का कोई भी प्रयास सहन नहीं किया जाएगा और उसे कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। हम यह कतई स्वीकार नहीं कर सकते कि सरकारी प्रतिष्ठानो को निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाए ।  अगर इस फैसले को तुरंत वापस नहीं लिया जाता है तो तो मनपा प्रशासन को न केवल आम आदमी पार्टी , बल्कि हर मुंबईकर के कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।" 

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