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हड़ताल से खुद को अलग किया महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने


हड़ताल से खुद को अलग किया महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने
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केंद्र सरकार द्वारा दवाइयों की सभी जानकरियों को ई-पोर्टल के माध्यम से शुरू करने के निर्णय का विरोध 'आल इंडिया आॅर्गनाइजेशन आॅफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट' (एआईओसीडी) कर रहा है। इसी के विरोध में 30 मई को देश भर में हड़ताल की भी घोषणा की गई है। 'महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन' ने भी इस हड़ताल में सहभागी होने की घोषणा की है। लेकिन महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलास तांदले ने जानकारी बताया कि इस बंदी के कारण मुंबई सहित राज्य में दवाइयों की बिक्री प्रभावित होने की आशंका के चलते करीब 25 हजार केमिस्ट दुकानदारों ने  खुद को अलग कर लिया है।

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दवाइयों की अवैध खरीदी-बिक्री-उत्पादन पर अंकुश लग सके इसीलिए केंद्र सरकार ने ई-पोर्टल की योजना लागू किया है। लेकिन एआईओसीडी की तरफ से सरकार की इस योजना का विरोध होने लगा। एआईओसीडी के अनुसार इस हड़ताल में 8.5 लाख केमिस्ट हड़ताल का हिस्सा होंगे। लेकिन अब इस हड़ताल का राज्य के फार्मासिस्ट संगठन ने विरोध किया है।  इस संगठन ने ई-पोर्टल का स्वागत किया है। इस संगठन का मानना है कि ई-पोर्टल से किसी को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे मेडिकल क्षेत्र में और भी पारदर्शिता आएगी और अवैध तरीके से होने वाले खरीदी-बिक्री और उत्पादन में रोक लगेगी।  

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तांदले ने आरोप लगाया है कि इस हड़ताल के पीछे एआईओसीडी का छुपा एजेंडा है जो नॉन फार्मासिस्ट को भी फार्मासिस्ट का दर्जा देना चाहती है। तांदले ने इस हड़ताल में शामिल नहीं होने का दावा किया है साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य भर में 60 से 65 हजार मेडिकल की दुकानें हैं उसमें से फार्मासिस्ट एसोसिएशन की 20 हजार दूकान और अन्य फार्मासिस्ट मालिकों की 5 हजार दूकानें सहित कुल 25 हजार मेडिकल स्टोर्स खुले रहेंगे।


कुछ लोगों के द्वारा हड़ताल का विरोध करने पर हड़ताल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हड़ताल सौ फीसदी सफल होगा। हड़ताल से मरीजों को कोई तकलीफ न हो इसके लिए एमरजेंसी सेवा खिली रहेगी। -  जगन्नाथ शिंदे, अध्यक्ष, एआईओसीडी



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