मुंबई सहित महाराष्ट्र में शराब की दुकानों को फिर से बंद करने का आदेश स्थानीय प्रशासन द्वारा दे दिया गया। राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक पटरी पर लाने के लिए सरकार ने वाइन शॉप की दुकानों को खोलने के आदेश दिए थे। लेकिन शराब की दुकानों के सामने लगातार बढ़ती भीड़ और सोशल डिस्टेंस के होते उल्लंघन को देखने के बाद यह निर्णय लिया गया।
आबकारी विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में सोमवार से शराब की बिक्री के कारण 150 करोड़ का राजस्व उत्पन्न हुआ। यह डेटा चार-दिन की बिक्री पर आधारित है, अर्थात् सोमवार से 4 मई से गुरुवार, 7 मई, 2020 तक।
पहले जारी की गई रिपोर्ट में विभाग ने कहा था कि राज्य ने पहले दो दिनों में शराब की बिक्री से लगभग 65 करोड़ रुपये कोष में जमा हुए थे, यह राशि बुधवार को 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर गयी, और गुरुवार को लगभग 14 लाख लीटर शराब की बिक्री हुई जिससे 48.14 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई।
आपको बता दें कि जैसे ही सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी है, तब से लोग मुंबई और पुणे के रेड जोन इलाके में भी सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ाते देखे गए।
सोमवार को सोशल मीडिया पर कई वीडियो इस बाबत शेयर भी किए गए, जहां लोग शराब के लिए कड़ी धूप में घंटों तक इंतजार करते देखे गए, जिसमें शराब खरीदने के लिए लंबी कतारें लगी थीं। जबकि कई लोगों ने सरकार के इस कदम के लिए आलोचना भी की।
महाराष्ट्र में कुल 10,822 लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 3,261 को संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है। इन दुकानों को तालाबंदी के 40 दिन बाद खोलने की अनुमति मिली थी।
गौरतलब है कि महारष्ट्र में कोरोना 7 मई, 2020 तक, महाराष्ट्र में कुल मामलों की संख्या 1216 बढ़ गई और कुल गिनती 17,974 हो गई। जहां मुंबई ने 11,398 मामलों और 437 मौतों के साथ 11,000 का आंकड़ा पार किया, वहीं पुणे में अब तक 122 मौतों के साथ 1899 मामले दर्ज किए गए हैं।