मुंबई - मुंबई महानगरपालिका देश की सबसे अमीर महानगरपालिका होने से हर काम का खर्च करोड़ों में होता हैं। मुंबई सिवरेज प्रोजेक्ट की सलाह के लिए 4 सलाहकारों पर 180 करोड़ रुपए खर्च हुआ है। आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी के जवाब में यह बात सामने आई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई महानगरपालिका के मुंबई सिवरेज प्रोजेक्ट कार्यालय से मुंबई सिवरेज प्रोजेक्ट के लिए नियुक्त किए गए सलाहकार और उस पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। मुंबई सिवरेज प्रोजेक्ट के उप प्रमुख अभियंता ने अनिल गलगली को बताया कि मुंबई सिवरेज प्रोजेक्ट चरण -2 के काम के लिए मेसर्स मॉट मैकडोनाल्ड प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आर.वी. एंडरसन और असोसिएट, मेसर्स मॉट मैकडोनाल्ड लिमिटेड तथा मेसर्स पी.एच.ई.कन्सलेट इन समूह को सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया है। इन सलाहकारों की नियुक्ति मुंबई महानगरपालिका के सात जल मल परिमंडल के प्रोजेक्ट के लिए की गई है। कुलाबा,वर्ली, बांद्रा, वर्सोवा, मालाड,भांडुप, घाटकोपर इस मल जल प्रक्रिया केंद्र के लिए 180 करोड़ रुपए की रकम सलाहकारों को देनी थी। उसमें से 141.77 करोड़ रुपए की रकम सलाहकारों को चुका दी गई है। सिर्फ 38.23 करोड़ रुपए देना शेष है। इन सलाहकारों की अवधि अप्रैल 2015 में खत्म हो गयी थी। यहां सवाल उठता है कि मनपा के पास उच्च गुणवत्ताधारक अधिकारी होते हुए बाहरी सलाहकारों पर इतनी बड़ी रकम खर्च करना कहां तक जायज है? क्या मनपा को अपने अधिकारियों की कार्यक्षमता पर भरोसा नहीं है?