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कोरोना वायरस से मरनेवालों के दाह संस्कार वाला नोटिस बीएमसी ने लिया वापस

कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने इसकी जानकारी दी

कोरोना वायरस से मरनेवालों के दाह संस्कार वाला नोटिस बीएमसी ने लिया वापस
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कोरोना वायरस के कारण मरनेवालों के दाह संस्कार करने का नोटिस बीएमसी ने वापस ले लिया है। बीएमसी ने अपना मूल आदेश वापस ले लिया, जिसने शहर में कोरोना  रोगियों के शवों कोट्रांसमिशन भय के कारण दफनाने पर रोक लगा दी थी।  इस आदेश ने जोर दिया था कि इस तरह के सभी शवों का निकटतम श्मशान में दाह संस्कार किया  जाना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।


इसके साथ ही इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस वायरस का फैलाव न हो इसके लिये उनका अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए; लिहाज उन्हें गाड़ने की अनुमति नही दी जासकती

।  लेकिन, बाद में शाम को, राज्य मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट किया किया और जानकारी की दी की बीएमसी ने अपना आदेश वापस ले किये है।


उन्होंने ट्वीट कर कहा कि "यह आपके ध्यान में लाना है कि मैंने बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी से बात की है कि कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गंवाने वालों के दाह संस्कार के लिए उनके द्वारा जारी परिपत्र के बारे में,जिसके बाद बीएमसी ने अपना आदेश वापस ले लिया है"



“प्लास्टिक बैग और दफनाने में शरीर को पैकेजिंग करने की आगे की प्रक्रिया प्रारंभिक विघटन को रोकती है और भविष्य में फैलने के लिए वायरस को जारी रखने का जोखिम रखती है। इसलिए, समुदाय में संचरण की संभावनाओं से बचने के लिए सभी COVID -19 शवों का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। दफनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। , “बीएमसी आयुक्त के परिपत्र में कहा गया ।



बता दें कि बीएमसी के कमिश्नर प्रवीन परदेशी ने निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस से मरने वालों का अंतिम संस्कार किया जाएगा, फिर चाहे वह किसी भी धर्म के हों। शवों को दफनाने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार के दौरान 5 से अधिक लोग नहीं इकट्ठा हो सकते हैं। इसके साथ ही बीएमसी के कमिश्नर ने कहा था कि अगर कोई इस बात के लिए दबाव बनाता है कि शव को दफनाना है तो उसे शव को इसी शर्त पर दफनाने की अनुमति होगी कि इसे मुंबई शहर से बाहर दफनाया जाएगा।





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