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लापरवाही बरतने पर लगती है आग तो होगी कड़ी कार्रवाई

BMC ने महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन रक्षक उपाय अधिनियम 2006 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने पर भवन मालिकों और रहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

लापरवाही बरतने पर लगती है आग तो होगी कड़ी कार्रवाई
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मुंबई (Mumbai) और उसके आसपास में एक बार फिर से आग (fire) लगने की घटनाएं जोर पकड़ने लगी हैं। अभी हाल ही में अहमदनगर (ahmadnagar) के एक अस्पताल में आग लगने से जहां 11 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी तो वहीं कांदिवली में भी एक इमारत में आग लगने से 2 लोगों की झुलस कर मौत हो गई थी। 

इसे देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन रक्षक उपाय अधिनियम 2006 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने पर भवन मालिकों और रहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

इसके अलावा नागरिक निकाय (bmc) ने नागरिकों से इमारतों में आंतरिक सजावट के लिए ज्वलनशील सामग्री का उपयोग नहीं करने और अग्नि सुरक्षा प्रणालियों और विद्युत संरचनाओं को नहीं बदलने की भी अपील की है।

BMC के मुताबिक, इंटीरियर आर्किटेक्ट्स और आर्किटेक्ट्स को इन मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

शहर के सभी भवनों के संबंधित मालिकों या उसमें रहने वाले किरायेदारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, क्या आग बुझाने की प्रणाली और उपकरण, साथ ही साथ फायर अलार्म उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं, यह सावधानी खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए अनिवार्य की गई है।

बीएमसी प्रशासन द्वारा इन सभी से आग से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने का आग्रह किया गया। साथ ही यह भी कहा कि इमारतों में आग से बचाव और जीवन रक्षक उपायों के प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी मालिक या किरायेदार की है।

महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन रक्षक उपाय अधिनियम, 2006 की धारा 3 की उप-धारा (3) के अनुसार, आग बुझाने की प्रणाली कुशल स्थिति में होनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि इमारतों को जनवरी और जुलाई में फायर ऑडिट कराना अनिवार्य है।

पढ़ें: कांदिवली में आग लगने से हुई 2 की मौत

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