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कचरा डेब्रिज घोटाला: २ ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस


कचरा डेब्रिज घोटाला: २ ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस
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कचरा डेब्रिज घोटाला मामले में कचरे में निर्माण के मलबे को मिलाने के मामले में बीएमसी ने पुलिस से शिकायत कर ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। साथ ही बीएमसी ने अब दो ठेकेदार को भी 'कारण बताओ' नोटिस भेज कर इस बात का जवाब मांगा है कि क्यों न उसे ब्लैक लिस्ट किया जाये?आपको बता दें कि कचरा कंपनियों को कचरे के किलो के हिसाब से भुगतान किया जाता है, इसे देखते हुए कचरे का वजन बढ़ाने के चक्कर में कुछ लोग कचरे में निर्माण कार्य के मलबे को कचरे में मिलाने लगे। इस मामले का बीएमसी ने पहले पांच ठेकेदारों को नोटिस भेजा था और अब दो ठेकेदार को नोटिस भेजा है।

मुंबई के कचरे को देवनार, कांजुरमार्ग और मुलुंड स्थित डंपिंग ग्राउंड में गिराया जाता है। इस काम जो ठेकेदार नियुक्त किये गए हैं उनका ठेका 5 सालों के लिए हैं। कचरे ढोने वाली गाड़ियों की जान पड़ताल की गयी तो उसमे से कचरे के साथ साथ निर्माण कार्य का मलबा भी मिला। इस मामले में पांच ठेकदारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

लेकिन स्थायी समिति ने मांग की कि इस मामले में किसी भी ठेकेदार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला इसीलिए या तो उनका ठेका रद्द किया जाये या फिर उन्हें जो नोटिस भेजी गयी है उन्हें वापस लिया जाए।

जबकि घनकचरा विभाग का कहना है कि कचरे की गाड़ियों से मलबा मिला है इसलिए कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जाये। घनकचरा के इस प्रस्ताव पर बीएमसी कमिश्नर ने मुहर भी लगा दी है।

कचरे में मलबा मिलाने के मामले में पहले पांच ठेकेदारों को नोटिस भेजा गया था,लेकिन अब इस बार जिन्हे नोटिस भेजा गया है वे कुर्ला एल विभाग और गोरेगाव की पी/दक्षिण येथील डि. कॉन डू ईट(जेवी) है. यही नहीं अन्य दो और कंपनी भी हैं जिन्हे नोटिस भेजा गया है।


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