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बीएमसी स्कूलों में दूध और पौष्टिक नाश्ता दिए जाने का प्रस्ताव लटका


बीएमसी स्कूलों में दूध और पौष्टिक नाश्ता दिए जाने का प्रस्ताव लटका
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बीएमसी स्कूलों के बच्चों में चिक्की बांटने का प्रस्ताव रद्द होने के बाद अब चिक्की के स्थान पर चना और मूंगफली देने का निर्णय लिया गया था, इस निर्णय के अनुसार अब बीएमसी स्कूलों के बच्चों को भुना हुआ चना, मूंगफली के साथ किशमिश और सूखा हुआ खजूर मिक्स कर नाश्ते के तौर पर दिया जायेगा। लेकिन यह प्रस्ताव को लेकर महापौर सहित सभी गुट नेताओं में आपसी सहमति नहीं बन सकी जिससे इस प्रस्ताव को अब अगले सभा में अब पेश किया जाएगा।


 चिक्की की जगह भुने हुए चने और मूंगफली 

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को पोषक आहार के तौर पर चिक्की देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन चिक्की के लिए तीन से चार बार टेंडर निकालने के बाद भी इसे अमलीजमा नहीं पहनाया जा सका। इसीलिए शिक्षा विभाग ने सभागृह में यह प्रस्ताव पेश किया कि अब यह निर्णय लिया गया है कि अब चिक्की के स्थान पर चना, मूंगफली सहित किशमिश और सूखे खजूर की मिक्स करके बच्चों में बांटा जायेगा। लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर आपसी सहमति नहीं बन सकी इसलिए अब इसे अगले बैठक में फिर से पेश किया जायेगा।

प्राथमिक स्कूल के कितने छात्र ?

केजी से 5वीं तक -  1 लाख 97 हजार 579

6वीं से 8वीं तक - 1  लाख 2  हजार 917

इन बच्चों के लिए बहने हुए 5-5 ग्राम की मात्रा में चना, मूंगफली, किशमिश और 2 नग खजूर


माध्यमिक स्कूल के बच्चे

5वीं के बच्चे - 1697

6वीं से 10वीं - 36827

जबकि इन बच्चों के लिए 10-10 ग्राम की मात्रा में चना, मूंगफली, किशमिश और 2 नग खजूर


फिर से दिए जाएंगे दूध?

यही नहीं बच्चों को दिया जाने वाला सुगंधित दूध जो बंद कर दिया गया था उसे फिर से शुरू करने पर फिर से विचार किय जा रहा है। बीएमसी स्कूलों में फिर से महानंद दूध वितरित किये जाने की मांग तो उठी लेकिन इस मुद्दे पर भी आम सहमति नहीं बन पाई जिससे या मामला भी लटक गया।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी दूध महासंघ मर्यादीत (महानंद दुग्धशाळा) के व्यवस्थापक संचालक दिलीप शिंदे ने बीएमसी को पत्र लिख कर स्कूलों में पोषक आहार योजना के अंतर्गत महानंद युएचएटी टेट्रा दूध का वितरण करने का प्रस्ताव दिया था। 2007-8 शैक्षिक साल में सुगंधित दूधों को बांटने का निर्णय लिया गया था,लेकिन इससे विष बाधा होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन महानंद ने फिर से पत्र लिख क्र दूध वितरित करने की सिफारिश की है। अब इस मामले की अगले बैठक में पेश किया जायेगा, जहां यह देखना होगा कि यह बैठक में यह प्रस्ताव पास हो पता है या नहीं?


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