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देवनार डंपिंग ग्राउड में कचरा फेकने के लिए हाईकोर्ट ने बीएमसी को दिया एक्सटेंशन

बॉम्बे हाईकोर्ट ने का बीएमसी को यह आखिरी मौका दिया जा रहा है डेवनार डंपिंग ग्राउंड में कचरा फेकने का

देवनार डंपिंग ग्राउड में कचरा फेकने के लिए हाईकोर्ट ने बीएमसी को दिया एक्सटेंशन
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मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को देवनार डंपिंग ग्राउड में कचरा फेकने के लिए दी हुी समय़ सीमा को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने बीएमसी को 31 दिसंबर तक डेवनार डंपिंग ग्राउंड में कटरा फेकने की इजाजत दे दी है, हालांकी इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है की बीएमसी को यह मौका आखिरी बार दिया जा रहा है। 

इससे पहले फरवरी 2016 में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को जनवरी 2015 और मार्च 2016 के बीच बढ़ती आग की घटनाओं के बाद डंपिंग ग्राउंड को बंद करने का आदेश दिया था। HC ने बताया कि मुंबई उपनगरों में स्थित डंपिंग ग्राउंड अब अपने चरम सीमा पर पहुंच गए है और उनका इससे ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।  आंकड़ों के अनुसार, रोजाना लगभग 3,000 मीट्रिक टन अपशिष्ट पदार्थ का निपटान देवनार लैंडफिल साइट पर किया जाता है।

 साइट 132 हेक्टेयर में फैली हुई है। बीएमसी ने अदालत से कहा कि वह शहर के कचरे को डंप करने के लिए कोई भी वैकल्पिक साइट नहीं खोज सकता है और यह उसी के निपटान के लिए एक विस्तार चाहता है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एएस ओका और एमएस संकलेचा ने बीएमसी के अनुरोध पर सहमति जताते हुए कहा कि यह आखिरी बार होगा जब ठोस कचरे को डंप करने के लिए देवनार में बीएमसी को कटरा फेकने की इजाजत दी जा रही है।    डिवीजन बेंच ने यह भी देखा कि उसी का विकल्प खोजने के लिए  बीएमसी को पहले ही काफी समय दिया जा चुका है।

 मुलुंड डंपिंग ग्राउंड पहले ही बंद हो चुका है,  जिसके बाद बीएमसी ने बताया कि 600 टन कचरे को संसाधित करके 10 मेगा-वाट ऊर्जा बनाने के लिए साइट पर  कचरे से ऊर्जा संयंत्र को चलाने की कोशिश की जा रही है।

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