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BMC कमिश्नर की सुरक्षा अब करेंगे बाउंसर

अब इस मुद्दे पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि क्या कमिश्नर को नगर पालिका के सुरक्षा गार्डों पर भरोसा नहीं है?

BMC कमिश्नर की सुरक्षा अब करेंगे बाउंसर
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अब तक राजनीतिक नेता, व्यवसायी, बॉलीवुड हस्तियां अपनी सुरक्षा के लिए निजी बाउंसरों को नियुक्त करते थे, लेकिन अब IAS अधिकारी भी अपनी सुरक्षा में इन बाउंसरों की तैनाती करने लगे हैं।

मुंबई के BMC कमिश्नर ने अपनी सुरक्षा के लिए और चार अन्य अडिशनल कमिश्नरों की सुरक्षा के लिए कुल दस बाउंसर नियुक्त किए हैं। ये बाउंसर नगरपालिका द्वारा ली गई ईगल सिक्योरिटी सर्विस से लिए गए हैं। अब इस मुद्दे पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि क्या कमिश्नर को नगर पालिका के सुरक्षा गार्डों पर भरोसा नहीं है?

पूर्व बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी को कोरोना वायरस को रोकने में असफल रहने के लिए उन्हें उनके पद से हटा दिया था, उसके बाद उनकी जगह नए कमिश्नर के रूप में इकबाल सिंह चहल की नियुक्ति की गई थी। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए चहल द्वारा अब कई उपाय किये जा रहे हैं।

बताया जाता है कि, दो दिन पहले चहल ने अपने लिए चार और चार अतिरिक्त कमिश्नरों के लिए एक-एक और  आपातकालीन प्रबंधन विभाग के लिए दो बाउंसर भी नियुक्त किए।

बीएमसी की तरफ से बीएमसी अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी ईगल सिक्योरिटी कंपनी के सुरक्षा गार्डों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई है।

बीएमसी के स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव ने भी अपने लिए एक निजी बाउंसर रखा है। हालाँकि, यह उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए है। लेकिन कमिश्नर द्वारा रखे गए बाउंसरों बीएमसी के तिजोरी से भुगतान किया जाएगा, इसी बात को लेकर विवाद है। कहा जाता है कि बीएमसी प्रत्येक बाउंसर के लिए 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये का भुगतान करेगी।

कोरोना को लेकर पिछले कुछ दिनों में, कांग्रेस और भाजपा ने बीएमसी प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं। भाजपा ने बीएमसी पर कोरोना स्वास्थ्य केंद्र बनाने, पीपीई किट, हैंडग्लव्ज, मृत शरीर को पैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक के बैग के निर्माण जैसे कई मामलों में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है।

बीजेपी ने महापौर और नगर निगम आयुक्त को इस बारे में पत्र लिख कर उसका जवाब मांगा, लेकिन जवाब नहीं देने पर बीजेपी ने बीएमसी के खिलाफ तीन बार आंदोलन भी किए। अब बीजेपी दावा कर रही है कि, आंदोलन और विरोध के डर से कमिश्नर ने बाउंसरों की सुरक्षा ली है।

कांग्रेस और विपक्ष के नेता रवि राजा ने कहा, का से कमिश्नर न तो नगसेवकों से मिलते हैं और न ही उनके पत्रों का जवाब देते हैं, स्थायी समिति और अन्य वैधानिक समितियों, वार्ड समिति की बैठकें और चुनाव पिछले चार महीनों में नहीं हुए हैं। मुंबईकरों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में आयुक्त इतने भयभीत क्यों हैं, क्या उन्हें नगर पालिका की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है?

दूसरी ओर, भाजपा गटसमूह के नेता प्रभाकर शिंदे ने कहा, "पिछले चार महीनों में करोड़ों रुपये कोरोना से बचने के उपायों पर खर्च किए जा रहे हैं और आयुक्त बैठकें किए बिना मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। बीजेपी ने भी इसके खिलाफ आंदोलन किया है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि, इस सुरक्षा का खर्च बीएमसी देगी या फिर आयुक्त खुद इसके लिए भुगतान करेंगे।

जब इस बारे में खुद कमिश्नर चहल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, उन्होंने खुद निजी बाउंसर नहीं लिया। नगरपालिका द्वारा नियुक्त की गई सुरक्षा एजंसी में से 10 निजी सुरक्षा गार्डों को लिया गया है। मुझे कभी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा होता तो पुलिस कमिश्नर से बात करके सुरक्षा ले ली होती।

उन्होंने कहा, मैं एक स्पोर्ट्समैन हूं। मेरे पिता सेना में थे। मुझे सख्त अनुशासन पसंद है। सिक्युरिटी गार्ड को स्टाइलिश और स्मार्ट दिखना चाहिए। इसलिए इन सुरक्षा कर्मियों को बाउंसर जैसे वर्दी दी गई है। साथ ही उनके पास कोई हथियार नहीं है। और निजी सुरक्षा गार्डों के अलावा, नगर पालिका के सुरक्षा गार्ड भी होंगे।

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