गोरेगांव के अंबेडकरनगर में 2 साल के बच्चे दिव्यांश सिंह को खुले गटर में गिरे 24 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है इसके बाद भी अभी तक उसका पता नहीं चल सका है। दिव्यांश सिंह खेलते समय बुधवार रात को एक बहते हुए नाले में गिर गया था। हालांकि उसकी खोज के लिए पुलिस, बीएमसी, दमकल सहित NDRF के जवानों ने कई किलोमीटर तक तलाशी अभियान चलाया इसके बाद भी कोई सफलता नहीं मिलती दिख रही है। अब कोई चमत्कार ही अच्छी खबर सुना सकता है।
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सर्च अभियान अभी भी जारी
बता दें कि दिव्यांश जिस नाले में गिरा वह आगे जाकर एक बड़े से सीवर में मिलता है और सीवर समुद्र में जाकर मिलता है। बारिश होने के कारण पानी लगातार बहता रहता है। इसीलिए उसकी तलाश लंबी दूरी तक की जा रही है। बुधवार रात से लेकर गुरूवार सुबह तक जवानों ने 10 किमी तक सर्च ऑपरेशन किया। यही नहीं अँधेरा होने पर स्थानीय लोगों ने मांग की कि लाइट कैमरा की सहायता से भी तलाशी अभियान शुरू की जाये।
नाराज लोगों ने किया आंदोलन
बीएमसी के इस लापरवाही से नाराज लोगों गुरुवार को रास्ता रोको आंदोलन भी किया, जिससे भारी ट्रैफिक जाम लग गया। लेकिन पुलिस ने आकर किसी तरह से लोगों को समझ बुझाकर रास्ते से हटवाया।
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दोषी कौन?
घटना के लिए बच्चे के परिवार ने जहां बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं अधिकारियों ने यह पता लगाने की बात कही है कि गटर का ढक्कन किसने खोला। बीएमसी के अधिकारी श्रीकला पिल्लै ने कहा है कि सफाई के लिए गटर का ढक्कन खोला गया लेकिन उसे बंद नहीं किया गया था।