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गेहूं की कीमतों में तेजी के बाद फिर बढ़े ब्रेड के दाम

ब्रेड खरीदने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। एक बार फिर हर तरह की ब्रेड और पाव के दाम बढ़ा दिए गए हैं

गेहूं की कीमतों में तेजी के बाद फिर बढ़े ब्रेड के दाम
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आम आदमी पर महंगाई की मार बढ़ती ही जा रही है। पेट्रोल और डीजल (PETROL DIESEL PRICE ) के दामो में बढ़ोत्तरी के बाद गैस भी महंगा हो गया है। अब महंगाई की मार एक बार फिर से आम आदमी पड़ी  है।  गेहूं के दाम में बढ़ोत्तरी होने के कारण सभी तरह के ब्रेड के दामो में बढ़ोत्तरी कर दी गई है।  

केंद्र ने गेहूं उत्पादन पर लू के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए निर्यात पर रोक लगा दी है। नतीजतन, सभी प्रकार के गेहूं के आटे की कीमतें बढ़ गई हैं। ब्रेड की कीमतों में वृद्धि के लिए विक्रेताओं ने बढ़ती कमोडिटी की कीमतों, परिवहन और श्रम शुल्क को भी जिम्मेदार ठहराया है। पिछले 18 महीनों में ब्रेड की कीमतों में करीब 10-15 रुपये का इजाफा हुआ है।

रोटी या तो गेहूं या आटे से बनाई जाती है । बेकर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य राज कुमार ने कहा "कि 400 ग्राम ब्रेड पैक की औसत कीमत अब ब्रांड के आधार पर 23 रुपये से 54 रुपये तक है।बेकर्स ने बहुत धैर्य रखने की कोशिश की, लेकिन जैसे-जैसे अन्य कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती गईं, उन्हें भी अपनी कीमतें बढ़ानी पड़ीं"

गेहूं की कीमतों बाजार 25,000 रुपये प्रति 1000 किलो तक पहुंच रहे हैं, जो कि सरकार के न्यूनतम आधार मूल्य 20,150 रुपये से अधिक है। विक्रेताओं ने कहा कि आटे की कीमतों में वृद्धि के पीछे यह एक कारण था, जिसके कारण अंततः ब्रेड की कीमतों में वृद्धि हुई।

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