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मनसे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन - संजय निरुपम

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह मनसे को फेरीवालों के साथ मारपीट करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

मनसे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन - संजय निरुपम
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फेरीवालों को मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मारने पीटने को बीजेपी का समर्थन बताते हुए कांग्रेस के मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम ने इसे दोनों पार्टियों की मिलीभगत बताया। निरुपम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू करने के बाद भी फेरीवाला संरक्षण कानून पिछले साढ़े 3 साल से अटका हुआ पड़ा है, लेकिन इस मामले में बीएमसी कोई उपयुक्त कदम नहीं उठा रही है। निरुपम ने आरोप लगाया कि मनसे जैसे पार्टी को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस खाद पानी देने की काम कर रहे हैं।निरुपम ने मांग की कि जल्द से जल्द फेरीवाला संरक्षण कानून लागू किया जाये और पात्र फेरीवालों को मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर उसके बाद कोई फेरीवाला अवैध रूप से कहीं अपनी दूकान लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।



बीएमसी कमिश्नर से मिले 

इसके पहले संजय निरुपम बीएमसी के विरोधी पक्ष नेता रवि राजा और कांग्रेस के नेता चरणजीत सप्रा ने मनसे द्वारा हॉकर्स और फेरीवालों को मारने पीटने के विरोध में बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता से मिले। बीएमसी मुख्यालय में बात करते हुए निरुपम ने कहा कि अवैध फेरीवालो के संदर्भ में केंद्र सरकार ने 2014 में फेरीवाला अधिनियम कानून को मंजूर किया था और जब तक यह कानून लागू नहीं होता तब तक फेरीवालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।


कहां बैठे फेरीवाले, प्रशासन करे स्पष्ट 

उन्होंने बात करते हुए आगे कहा कि फेरीवालो को रेलवे परिसर में नहीं बैठना चाहिए तो प्रशासन को यह बताना चाहिए कि उन्हें कहां बैठना चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है और मनसे जैसी पार्टी को खुलेआम मारपीट करने की छुट दी गयी है।


बीजेपी कर रही है प्रोत्साहित 

संजय निरुपम ने सीएम फडणवीस पर आरोप लगाया कि इस सम्बन्ध में वे कुछ भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और वे मनसे को प्रोतसाहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस विवाद को खाद पानी देने का काम कर रहे हैं। निरुपम के अनुसार कोर्ट की तरफ से सभी रेलवे स्टेशनों के लगभग 150 मीटर की हद तक फेरीवालों को बैठने में मनाही है तो फिर 2014 लागू फेरीवाला संरक्षण कानून बनाया गया था। इसीलिए उसे लागू किये जाये।

हक़ में कोर्ट का फैसला 

उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि फेरीवालों के संदर्भ में कोर्ट में लगभग 110 याचिका दाखिल की गयी है जिनमें से सभी के फैसले फेरीवालों के हक़ में सुनाये गये हैं लेकिन फिर भी बीएमसी की तरफ से कार्रवाई की जाती है।










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