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कोरोना ने किया व्यवसाय बदलने को मजबूर

एक ओर जहां मुंबई में उनके पास रहने के लिए पैसे नहीं है तो वही दूसरी ओर गांव में भी बेरोजगारी भी उन्हे रहने नहीं दे रही है।

कोरोना ने किया  व्यवसाय बदलने को मजबूर
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कोरोना (Coronavirus) का कहर इस कदर जारी है की लोग रोजी रोटी के लिए मोहताज हो गए है।  कईयों के पास रहने तक के पैसै ना होने के कारण वह लोग अपने अपने गांव(Village)  चले गए है तो कईयों ने अपना व्यवसाय ही बदल दिया है। एक ओर जहां मुंबई में उनके पास रहने के लिए पैसे नहीं है तो वही दूसरी ओर गांव में भी बेरोजगारी(Unemployment) भी उन्हे रहने नहीं दे रही है। मुंबई में कई ऐसे लोग है जिन्होने अपना घर खर्च चलाने के लिए अपने मुख्य व्यवसाय को बदलकर अब जरुरी सामानों का व्यवसाय कर रहे है। कोरोना की मार और धंधे पर असर पड़ने के कारण कई लोगों ने तो अपने  बड़े व्यवसाय को भी छोटे व्यवयाय के रुप में बदल लिया है।

कईयों ने बदला अपना धंधा

दिनेश सिंह, पिछलें कई सालों से कांदिवली (Kandivali) बाजार में कपड़े बेचने का काम करते थे, लेकिन कोरोना के कारण  उनका धंधा पूरी तरह से ठप्प हो गया। लॉक डाउन के कारण ना तो वो अपनी दुकान (Shops) खोल पाए और अब जब अनलॉक में उन्होने अपनी दुकान शुरु की तो ग्राहकों की कमी का सामना करना पड़ा। मजबूरन उन्होने कपड़ो की दुकान का धंधा बंद कर सब्जी(Vegetables) बेचने का काम शुरु कर दिया। दिनेश सिंह का कहना है की "भले ही सब्जी के धंधे में उतनी कमाई ना हो रही हो लेकिन रोज का खर्च निकल जाता है और अब पब्लिक जरुरी चीजों पर ही पैसा खर्च रही है जिनमे खाने पीनेका सामान और सब्जियां भी शामिल है"

'नौकरी छूटने के बाद शुरु किया अपना व्यवसाय'

45 साल के ब्रिजेश पाठक कंपनी में काम करते थे, लेकिन लॉक डाउन होने के कारण फिलहाल उनकी कंपनी बंद है, अनलॉक में कपनी तो शुरु हुई लेकिन मजदूरों के गांव चले जाने (Labour migrants) के कारण अब कंपनी भी बंद ही पड़ी है , ऐसे में जिस कंपनी में वह कां करते है वहा से फिलहाल उन्हे कोई कमाई नहीं हो रही है , उन्हे उनका पगार भी नही मिल रहा है , लिहाजा अब उन्होने भी सब्जियां बेचने का अपना धंधा शुरु कर दिया है। 

मुंबई(Mumbai) और आसपास के इलाको में कई ऐसे लोग है जिनके पास नौकरी ना होने के कारण उन्होने अपना धंधा शुरु कर दिया है। कई लोग सब्जियां बेच रहे है तो कईयों ने फल का व्यवसाय शुरु कर दिया है। लेकिन अभी भी उनके सामने रोजी रोटी का सवाल बना हुआ है क्योकी इन इलाको में कड़क लॉकडाउन होने के कारण इन्हे हर दिन धंधा लगाने नहीं दिया जाता है। 

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