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'काली पीली टैक्सी को दूसरे राज्यों में जाने की मिले अनुमति'

क्वाड्रोस ने जानकारी देते हुए बताया कि, अब तक 2000 लोग जा चुके हैं और अभी कई लोग जाने की तैयारी में हैं।

'काली पीली टैक्सी को दूसरे राज्यों में जाने की मिले अनुमति'
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कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन लगाया गया है। पिछले 2 महीने से लगे इस लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के सामने भूखे मरने की नोबत आ गयी है। इससे बचने के लिए हजारों प्रवासी अपने अपने गांव जाने लगे। कई सारे लोग पैदल तो कई ऑटो-टैक्सी से तो कई सारे लोग ट्रकों में भर भर कर जाने लगे।

इसमें कई सारे मजदूर ऐसे भी हैं, जो मुंबई में टैक्सी और ऑटो चला कर अपने परिवार का पेट पालते थे। गांव जाने का उनके पास कोई साधन नहीं होने के कारण ये लोग अपने परिवार के साथ ऑटो और टैक्सी से ही चल दिए।

एक जानकारी के मुताबिक लगभग 2 हजार की संख्या में काली-पीली टैक्सी और ऑटो चालक मुंबई से बाहर गांव की तरफ गए हैं। लॉकडाउन के कारण परिवहन व्यवस्था पर भी पाबंदी लगाई गई है जिसके बाद पिछले 2 महीने से इन ऑटो और टैक्सी चालकों के सामने घर चलाने की मुश्किल आन पड़ी है।

मुंबई के टैक्सीमेंस यूनियन के नेता ए. एल क्वाड्रोस ने बताया कि, मुंबई जैसे महंगे शहर में लोग 2 महीने से घर पर खाली बैठे हैं, जिससे परिवार का पेट भरने में काफी परेशानी आ रही थी। लॉकडाउन में ढील मिलने की भी कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही थी। इसिलिए यूपी और बिहार के रहने वाले टैक्सी और ऑटो चालक अपने-अपने वाहन के साथ परिवार को लेकर गांव चले गए।

क्वाड्रोस ने जानकारी देते हुए बताया कि, अब तक 2000 लोग जा चुके हैं और अभी कई लोग जाने की तैयारी में हैं।

क्वाड्रोस ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, सरकार को काली पीली टैक्सी को अन्य राज्यों में जाने देने की अनुमति देनी चाहिए।

मुंबई में रहने वाले यूपी, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों के ड्राइवर अपने गांव चले गए।

आंकड़ों के अनुसार मुंबई में लगभग 20 हजार टैक्सी और 2 लाख ऑटो रिक्शा हैं।

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