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छात्रों और युवाओं पर कोरोना के मुकदमे वापस लेने का फैसला

इसका फायदा केवल उन्हे मिलेगा जिसने सरकारी कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों पर हमला नहीं किया हो और जिसमें निजी और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान 50,000 रुपये से अधिक ना हो

छात्रों और युवाओं पर कोरोना के मुकदमे वापस लेने का फैसला
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कैबिनेट की बैठक में कोरोना काल (CORONAVIRUS)  के प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने पर दर्ज मामलों को वापस लेने वाली क्षेत्रीय समितियों को इस पर कार्य को मंजूरी दी गयी।  बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (UDDHAV THACKERAY) ने की।प्रदेश में कोरोना काल के दौरान 21 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक भदनवी अधिनियम की धारा 188 के तहत संचारी रोग निवारण/आपदा प्रबंधन अधिनियम के साथ IPC की  धारा 188, 269 या 270 या 271 (1889) के साथ छात्रों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

जिला कलेक्टर एवं पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में गठित फील्ड कमेटी

पुलिस अधिनियम की धारा 135, धारा 375 के तहत शिक्षित बेरोजगार युवक पर कई जगहों पर मामले दर्ज किए गए थे। जिसके कारण उन्हें काम, पासपोर्ट और अन्य जगहों पर चरित्र सत्यापन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर एवं पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में गठित फील्ड कमेटी को राजनीतिक एवं सामाजिक आंदोलन के प्रकरणों को वापस लेने की कार्रवाई की स्वीकृति दी गयी। 

हालांकि, इसका फायदा केवल उन्हे मिलेगा जिसने सरकारी कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों पर हमला नहीं किया हो और जिसमें निजी और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान 50,000 रुपये से अधिक ना हो। 

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