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मुंबई में डेंगू के मामलों में 265 प्रतिशत वृद्धि हुई


मुंबई में डेंगू के मामलों में 265 प्रतिशत वृद्धि हुई
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सूचना के अधिकार (आरटीआई) का इस्तेमाल कर प्रजा फाउंडेशन द्वारा निकाली गई एक जानकारी बेहद ही चौकानेवाली है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक डेंगू के मामलों में 265 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जहां एक ओर 2012-13 में सरकारी अस्पतालों में 4,867 मामले दर्ज किए गए, औतो वही साल 2016-17 में कुल 17,771 मामले दर्ज किए गए।

साथ ही प्रजा फाउंडेशन की ओऱ से यह भी कहा गया है की क्षयरोग से मरनेवालो की संख्या हर दिन 18 हो गई है। मेडिकल इंश्योरेंस ना होने के कारण 70 प्रतिशत मुंबईकर खुद का सही तरिके से उपचार नहीं कर सकते।
टीबी से हर दिन 18 लोगों की मौत

2016-17 में हर रोज 18 लोगों की मौत
2012 में 36,417 मरीज
2016-17 में 50,001 मरीज

2012 में “DOTS” की ओर से 30 हजार 828मरीजो को उपचार किया गया जो 2016 में 15 हजार 767 हो गई। लेकिन टीबी के मरीजो की संख्या में कोई कमी नहीं आई। 2015 -16 में 5 हजार 400, तो 2016 -17 में 6 हजार 472 लोगों की टीबी से मौत हो गई।

डायबिटीस और हायपरटेंशन-
बदलते जीवनशैली के अनुसार मुंबई में भी रहन सहन बदल रहा है जिसके कारण लोगों के शरीर पर इसका काफी असर पड़ रहा है। 2016-17 में डायबिटीज से 2 हजार 675 लोगों की मौत हो गई , तो वही हायपर टेंशन में 4 हजार 438 लोगों की मौत हो गई।

प्रजा फाउंडेशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मिलिंद म्हस्के का कहना है की "बीएमसी को इंकार के रवैये से बाहर निकलने शहर में चल रहे स्वास्थ्य संकट से निपटने की जरूरत है। यह अन्य सरकारी अधिकारियों के लिए भी है, जिन्हें इस चुनौती के लिए एक अहम कदम उठाना चाहिए और एक स्वस्थ शहर सुनिश्चित करना चाहिए"


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