बीएमसी ने देवनार डंपिंग ग्राउंड पर मलबे की वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से बिजली पैदा करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए नियुक्त टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की सलाह के अनुसार इस डंपिंग ग्राउंड का भौगोलिक परीक्षण किया जाएगा। इस भौगोलिक परीक्षण के लिए ठेकेदार नियुक्त किया गया है।
जून 2018 तक पूरी की जाएगी आवेदन प्रक्रिया
देवनार डंपिंग ग्राउंड में लगभग 12 हेक्टेयर भूमि से कचरे की वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिए एक ऊर्जा परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के लिए निविदा पूरी हो चुकी है और यह प्रक्रिया जून 2018 तक पूरी की जाएगी। इस 12-हेक्टेयर परियोजना के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के सलाहकारों द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार, मशीनरी के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि की भौगोलिक परीक्षण रिपोर्ट और भौगोलिक तकनीकी परीक्षा का फैसला किया है।
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रेणुका कंसल्टेंट्स को इस काम के लिए नियुक्त किया गया है। इस कार्य पर आनेवाले कुल खर्च 77 लाख रुपये के आसपास होगा।