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पालघर में जीआरपी कर्मियों की ड्यूटी के घंटे में कमी

जीआरपी का कहना है की इस कदम के बाद कर्मचारियों को उनके स्वास्थ पर ध्यान देने का समय मिलेगा

पालघर में जीआरपी कर्मियों की ड्यूटी के घंटे में कमी
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मुंबई लोकल के सबसे आखिरी स्टॉपेज मे से एक पालघर में तैनात जीआरपी कर्चमारियों के ड्युटी के घंटो में कमी की गई है।  पहली बार, पालघर के सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन के 140 कर्मियों के ड्यूटी घंटे को 1 मई से 12  घंटे से घटाकर 8 घंटे कर दिए गए हैं। शहर और उपनगरों में जीआरपी स्टाफ की संख्या 3,700 है, जो 1982 से स्थिर है। 

इन आकड़ों को मुताबिक  एक जीआरपी कांस्टेबल 2,193 यात्रियों के लिए जिम्मेदार है। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई की ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 2017 में बढ़कर 80 लाख हो गई है। जीआरपी ने इस प्रयोग को 1 अप्रैल से शुरु किया था जिसके बाद इसे अब लागू कर दिया गया है। जीआरपी कमिश्नर  निकेट कौशिक ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा की"पालघर के कर्मियों को तीन शिफ्टों में विभाजित किया गया  जिसमें पहली दो शिफ्ट ह आठ घंटे और तीसरा 10 घंटे की थी, घाटकोपर और अन्य स्थानों पर रहने वाले कर्मियों को पालघर तक पहुंचने के लिए रोजाना दो घंटे से अधिक समय की यात्रा करनी पड़ती है , जिससे कुल मिलाकर उन्हे लगभग 16 घंटे सफर करना पड़ता है , जिससे उनके सेहत पर खराब असर पड़ता है"।

पालघर के बाद अब रेलवे इस तरह के प्रयोग को कर्जत में भी शुरु करने जा रही है। रेलवे का कहना है की अगर इस तरह के प्रयोग सफल होते है तो इन्हे और भी जगहों पर लागू किया जा सकता है।  

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