मुंबई के साथ-साथ देशभर में दवाइयों के उत्पादन से लेकर खरीदी बिक्री तक बड़ा मुनाफा कमाया जाता है। लेकिन अब इनपर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने दवाइयों की खरीदी बिक्री और उत्पादन पर ई-पाबंदी लगाने के लिए एक पोर्टल बनाने का निर्णय लिया है। दवाइयों के उत्पादन से लेकर मरीज के हाथों तक जाने के बीच की हर जानकारी इस पोर्टल से मिल सकेगी। साथ ही इसकी जानकारी रखना सभी केमिस्केटों के लिए जरुरी होगा।
कोई भी दवाई बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के नही मिलेगी। कुछ महत्वपूर्ण दवाइयां शेड्यूल एस, शेड्यूल एच, शेड्यूल एच-वन जैसी दवाइयों की खरीद बिक्री के लिए नियम और भी कड़े किये जाएंगे। गर्भपात के लिए एमटीपी किट के गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल कर भ्रूण हत्या, स्त्रीभ्रूण हत्या किये जाने के कई मामले सामने आए हैं। साथ ही एफडीए की कार्रवाई में कई बार ऐसी दवाइयां जब्त की गई हैं, जिनका गैरकानूनी उपयोग किया जा रहा था या फिर उनके नकली माल लाए जा रहे थे।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस पोर्टल के निर्माण का फैसला लिया है। फार्मासिस्ट शशांक म्हात्रे का कहना है कि सरकार के इस कदम के बाद दवाइयों की गैरकानूनी बिक्री और महंगी दवाइयों के साथ साथ नकली दवाइयों पर भी अंकुश लगेगा।
महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का विरोध
महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि व्यवहारिक तौर पर केमिस्ट के लिए हर दवाई की 100 फीसदी जानकारी ई-पोर्टल पर देना पॉसिबल नहीं है। साथ ही राज्य सरकार के पास भी ऐसी कोई सुविधा नहीं है।
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