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एंजियोप्लास्टी के नाम पर मरीजों को खुलेआम लूटते अस्पताल


 एंजियोप्लास्टी के नाम पर मरीजों को खुलेआम लूटते अस्पताल
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अगर आपको या आपके किसी परिजन की एंजियोप्लास्टी होनी है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि फूड और ड्रग विभाग (एफडीए) की कुछ अस्पतालों में छापा मार प्रक्रिया से जो तथ्य सामने आये वो काफी सनसनीखेज हैं। एफडीए के अनुसार कुछ अस्पताल मरीजों के लिए एंजियोप्लास्टी के लिए पुराने और उपयोग में लाये हुए बलून कंथेटर और गायडिंग कंथेटर का ही उपयोग कर रहे हैं, जबकि अस्पताल मरीजों से पूरा-पूरा भुगतान नए बलून कंथेटर का ले रहे है। मुंबई के तीन बड़े अस्पतालों में इस तरह का गोरखधंदा चल रहा था जहां एफडीए ने छापा मारा। इन तीनों अस्पतालों को एफडीए ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। एफडीए ने अब इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

एफडीए के आयुक्त डॉ. हर्षदीप कांबले ने कहा कि हमें ऐसी सूचना मिली थी कि कुछ अस्पताल सेकंड हैण्ड कंथेटर का उपयोग करके मरीजों को लूट रहे हैं। किसी एक मरीज के लिए उपयोग किया हुआ कंथेटर दुसरे मरीज को लगाने से संक्रमण की बीमारी होने की आशंका रहती है। एफडीए ने पिछले 15 दिनों में 4 मरीजों का बारीकी से जांच किया तो रिजल्ट में जो परिणाम सामने आया वो काफी चौंका देने वाला था। इन मरीजों को अस्पताल ने यूज किया हुआ कंथेटर लगाया था, यही नहीं अस्पताल मरीजों को तो पुराना कंथेटर लगा रहे हैं जबकि उनसे पैसा नए कंथेटर का ले रहे हैं। इतना ही नहीं 9 से 10 हजार रूपये कीमत में मिलने वाले कंथेटर को अस्पताल मरीजो को 25 हजार रूपये में बेच रहे हैं तो पुराने कंथेटर के लिए 20 हजार वसूल रहे हैं। और तो और इन कंथेटरों के खरीद और बिक्री का कोई रिकॉर्ड भी अस्पतालों के पास नहीं है।

कांबले ने आगे बताया कि मुंबई के नामी हॉस्पिटल मुलुंड के फोर्टिस, वाशी के हीरानंदानी हेल्थ केयर और अँधेरी के बीएसईएस इन तीनों अस्पतालों में यह गोरखधंदा चल रहा था। फोर्टिस अस्पताल ने 45 मरीजों को 66 कंथेटर तो हीरानंदानी ने 27 मरीजो को 44 कंथेटर लगाये थे। अब एफडीए ने इन तींनो अस्पतालों को नोटिस भेजा है और नोटिस का जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।

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