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मुंबई की हवा में बढ़ा नाईट्रोजन डाईऑक्साइड का प्रतिशत

यह रिपोर्ट का जिक्र ग्रीनपीस इंडिया (green peace india) की 'बिहाइंड द स्मोकस्क्रीन' मेंं किया गया है। अप्रैल 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और लखनऊ में वायु गुणवत्ता का अध्ययन किया गया।

मुंबई की हवा में बढ़ा नाईट्रोजन डाईऑक्साइड का प्रतिशत
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मुंबईकरों के लिए एक चिंताजनक खबर है। मुंबई की हवा दूषित (air pollution in mumbai) तो थी ही, लेकिन अब एक रिपोर्ट का कहना है कि, मुंबई की हवा में पिछले साल की तुलना में इस बार नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (nitrogen dioxide) की मात्रा बढ़ी है। इसका कारण मोटर वाहनों से निकलने वाले धुएं को बताया जा रहा है। यह रिपोर्ट का जिक्र ग्रीनपीस इंडिया (green peace india) की 'बिहाइंड द स्मोकस्क्रीन' मेंं किया गया है। अप्रैल 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और लखनऊ में वायु गुणवत्ता का अध्ययन किया गया।

कृत्रिम उपग्रह द्वारा किये गए निरीक्षण के मुताबिक, मुंबई (Mumbai) की हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर 52 फीसदी तक बढ़ा है। यह मात्रा दिल्ली में सबसे अधिक 125 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि चेन्नई में 94 फीसदी, बेंगलुरु में 90 फीसदी, जयपुर में 47 फीसदी, कोलकाता में 11 फीसदी, लखनऊ में 32 फीसदी और हैदराबाद में 69 फीसदी की वृद्धि देखी गई।

बता दें कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड हवा को सबसे अधिक प्रदूषित करती है, इसके बढ़ने से मनुष्य को श्वसन, मस्तिष्क और रक्त संचार संबंधी समस्याएं होती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, मोटर वाहन, बिजली उत्पादन और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाएं जैसे कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन पर आधारित होते हैं, जो नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करती हैं।

रेपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, प्रदूषण को रोकने के लिए निजी वाहनों की संख्या को सीमित करना, कम प्रदूषणकारी परिवहन प्रणाली को लागू करना, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देना, साइकिल चलाने के लिए बेहतर बुनियादी ढाँचा बनाना और पैदल मार्गों का विस्तार करना आवश्यक है।

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