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Corona effect: बिजली की दरों में 7 से 8 फीसदी की कटौती करेगी सरकार

महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोगा (Maharashtra Electricity Regulatory Commission) ने महाराष्ट्रातील विजेच्या दरात सरासरी ७ ते ८ टक्क्यांची कपात सुचवली आहे. ही वीजदर कपात (Electricity rate cut) पुढील ५ वर्षांसाठी लागू असणार आहे.

Corona effect: बिजली की दरों में 7 से 8 फीसदी की कटौती करेगी सरकार
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इस लॉक डाउन (lockdown) के बीच महाराष्ट्र सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत देने का निर्णय किया है।

 महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने महाराष्ट्र में बिजली की दरों में 7 से 8 फीसदी कटौती करने का सुझाव दिया है। यह बिजली की दरों में कटौती अगले 5 वर्षों के लिए लागू होगी। अगर यह कटौती होती है तो भारी भरकम बिजली दरों से जूझ रहे आम लोगों के लिए यह बहुत खुशी की बात होगी।

 महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) के अध्यक्ष आनंद कुलकर्णी ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई टैरिफ 1 अप्रैल से लागू की जाएगी। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग जल्द ही इस संबंध में एक आदेश जारी करेगा। इस फैसले से घरेलू, औद्योगिक और कृषि कार्यों के लिए बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

MERC ने विभिन्न संवर्गों के लिए अगले 5 साल तक लगभग 7 से 8 फीसदी की कटौती करने की सूचना राज्य के बिजली कंपनियों को दी गई।

MERC के अध्यक्ष आनंद कुलकर्णी ने कहा, पिछले 10 से 15 वर्षों में पहली बार राज्य में इस तरह से बिजली की दरों में कटौती की जा रही है। इससे वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में आर्थिक मदद मिलेगी।

 आयोग के निर्णय के अनुसार, मुंबई को छोड़कर शेष महाराष्ट्र के लिए, उद्योग के लिए बिजली की दरों में 10 से 12 फीसदी की कमी होगी, जबकि घरेलू बिजली की दरों में 5 से 7 फीसदी की कमी होगी, जबकि कृषि के लिए बिजली की दरों में एक फीसदी की कमी होगी।

ल मुंबई में बेस्ट उद्योग के लिए बिजली की दरों में 7 से 8  प्रतिशत की कमी होगी, जबकि व्यावसायिक बिजली दरों में 8 से 9 प्रतिशत और घरेलू बिजली की दरों में 1 से 2 प्रतिशत की कमी होगी। मुंबई के उपनगरीय इलाके में, टाटा और अडानी कंपनियां उद्योग के लिए बिजली दरों में 18 से 20 प्रतिशत और व्यापार के लिए बिजली दरों में 19 से 20 प्रतिशत की कटौती करेंगी। जबकि घरेलू बिजली की दरों में 10 से 11 प्रतिशत की कमी की जाएगी।

कुलकर्णी ने बताया, बिजली का टैरिफ बहुत विस्तृत अध्ययन और लंबे समय के चर्चा के बाद तय किया गया है। आयोग के इस फैसले से सरकार के खजाने पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। बिजली वितरण कंपनियां व्यावसायिक रूप से वितरण करके कम दरों पर उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम हैं।

 कुलकर्णी ने अपील की कि उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से बिजली का उपयोग करने से बचना चाहिए।

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