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कुत्तो की नसबंदी पर पानी की तरह बहा रहे पैसा

कुत्तो की नसबंदी पर पानी की तरह पैसा बहाने पर भी अभी भी लाखो कुत्तों की नसबंदी नहीं हुयी है जिनके लिए फिर से बजट का प्रावधान किया गया है।

कुत्तो की नसबंदी पर पानी की तरह बहा रहे पैसा
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मुंबई में दिनों दिन बढ़ते आवारा कुत्तों के संख्या को लेकर बीएमसी का चौंकाने वाला रवैया सामने आया है। बीएमसी ने दावा किया था कि उसने सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी कर दी है लेकिन जानकारी मिली है कि मुंबई में अभी भी एक लाख से अधिक कुत्तों की नसबंदी करना बाकी है। कुत्तो की तीन साल पहले की गयी गणना और अब की गयी गणना के अनुसार आवारा कुत्तों में लगभग 95 हजार की वृद्धि हुयी है। बीएमसी के अनुसार पिछले तीन सालों में लगभग 25 हजार कुत्तों की नसबंदी की गयी है तो वहीँ प्रशासन की तरफ से अभी भी एक लाख कुत्तों की नसबंदी बाको होने की भी बात की जा रही है।

20 साल में लगभग 3 लाख कुत्तो की नसबंदी

श्वान नियंत्रण विभाग ने 1994 से कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए प्राणी जनन नियंत्रण नामक कार्यक्रम (एबीसी प्रोग्राम) बनाया था। इसके बाद 1998 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस कार्यक्रम में कई एनजीओ ने भी हिस्सा लेना शुरू किया। आंकड़ों की माने तो अक्टूबर 1998 से 31 मार्च 2011 तक यानी 13 सालों में 2,34,434 कुत्तो की नसबंदी की गयी, जबकि इस कार्य में 6.47 करोड़ रुपुए खर्च हुए। इस कार्यक्रम को अच्छा प्रतिसाद मिलने के बाद अचानक से इसमें गिरावट दर्ज की गयी। 2011 से मार्च 2017 तक इन पांच सालों में मात्र 50 हजार कुत्तों की ही नसबंदी की गयी।

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1 लाख कुत्ते अभी भी बाकी

जनवरी 2014 में बीएमसी की गणना में कुत्तो की संख्या 95,172 थी जिसमें से लगभग 25 हजार कुत्तों की नसबंदी की गयी। इसके बाद भी प्रशासन ने बताया कि अभी भी एक लाख कुत्ते नसबंदी के लिए बाकी हैं। इसके लिए 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 इन तीन सालों में छह संस्थाओ को नसबंदी का ठेका दिया गया है, इनका लक्ष्य इन तीन सालों में 1,2,379 लाख कुत्तों का नसबंदी करना है। इसके लिए 8.62 करोड़ रूपये का प्रावधान बीएमसी की स्वास्थ्य समिति ने किया है।

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18 करोड़ का खर्च

1998 से चलाये जा रहे नसबंदी कार्यक्रम में अब तक 10 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं, इसके बाद भी अब आने वाले कार्यक्रम के लिए 8.61 करोड़ रूपये का बजट रखा हुआ है। यानी इन 22 सालों में अब तक कुल 18 करोड़ रूपये का खर्च आ चूका है।इतने रूपये खर्च करने के बाद भी आने वाले दिनों में इसका कितना असर पड़ेगा यह तो समय ही बताएगा।

नसबंदी के लिए नियुक्त की गयी संस्थाएं

वेल्फेअर ऑफ स्टे डॉग्स  :  महालक्ष्मी

बॉम्बे सोसायटी फॉर प्रिव्हेशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल : परेल

इन डिफेन्स ऑफ ऍनिमल्स : देवनार

अहिंसा : मालाड

उत्कर्ष स्टार मित्र मंडल: मुलुंड

युनिवर्सल एनिमल वेल्फेअर सोसायटी : मालाड



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