बीएमसी कर्मचारियों को अब बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज ना कराने पर अपनी सैलरी खोनी पड़ सकती है। बीएमसी ने 1 अगस्त 2017 से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के प्रोजेक्ट को कार्यान्वयन रुप से शुरु किया था , लेकिन अब तीन महिने बाद इस सुचारु रुप से बीएमसी में लागू कर दिया है ।यानी की 1 नवंबर से जिन कर्मचारी का बायोमेट्रीक अटेंडेस नहीं होगा उनकी पगार काट दी जाएगी।
बीएमसी के कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति को रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा था। लेकिन इस तरिके को बंद करके, बीएमसी ने बायोमेट्रिक एटेंडेस करने का फैसला लिया। बायोमेट्रिक उपस्थिति का पंजीकरण अगस्त 2017 से शुरू हुआ है। शुरुआती तीन महिनों के प्रयोग के बाद अब 1 नवंबर से इस जरुरी कर दिया गया है।
बीएमसी के 1 लाख 94 हजार कर्मचारी है। इन सभी के आधार कार्ड को बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ा जाएगा। बीएमसी की ओर से इसके लिए पूरे बीएमसी कार्यालयों में 3900 मशीनों की स्थापना की जाएगी। जिसमें बायोमेट्रिक एटेंडेस का सारा रिकॉर्ड मौजूद रहेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने 31 अक्टूबर को एक परिपत्र जारी कर बीएमसी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक सिस्टम की उपस्थिति के हिसाब से मासिक वेतन निर्धारित करने का निर्देश दिया है। बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को अनिवार्य कर दिया गया है।
केवल संबंधित नगरपालिका आयुक्त अशोक मेहता ने यह भी आदेश दिया है कि खाता और विभाग जारी रहेगा।