बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कफ सिरप और सर्दी-ज़ुकाम की दवाओं के इस्तेमाल पर महत्वपूर्ण नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, बाल रोग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मियों को बच्चों को ये दवाइयाँ देते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।(New guidelines issued by the central government on the use of cough syrups for children)
दवाओं कि जरूरत नहीं
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-ज़ुकाम की कोई भी दवा नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही, ये दवाइयाँ आमतौर पर पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुशंसित नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों में होने वाली ज़्यादातर गंभीर खांसी-ज़ुकाम की बीमारियाँ अपने आप ठीक हो जाती हैं और इसके लिए दवाओं की ज़रूरत नहीं होती।
डॉक्टर से ले सलाह
खांसी-ज़ुकाम के प्राथमिक उपचार के रूप में प्राकृतिक उपचारों को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है। इसमें पर्याप्त पानी पीना, आराम करना और सहायक उपाय शामिल हैं। यदि दवा की आवश्यकता हो, तो डॉक्टर को रोगी की सावधानीपूर्वक जाँच करने और कड़ी निगरानी में दवाइयाँ देनी चाहिए। डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक और उपचार की अवधि का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। एक ही समय में कई दवाओं को मिलाने से भी बचने का निर्देश दिया गया है।
दवाओं की सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों और औषधालयों को केवल अच्छी विनिर्माण पद्धतियों (GMP) के अनुसार निर्मित और उच्च औषधीय गुणवत्ता वाले कफ सिरप ही खरीदने चाहिए। इससे दवाओं की सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित होगी।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी औषधालयों, जिला स्वास्थ्य विभागों, दवा वितरण केंद्रों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में इन दिशानिर्देशों को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया गया है।
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