पिछले कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतें दिल्ली में 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 अक्टूबर को यह दर 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी। सोमवार को नासिक में प्याज की थोक कीमतें भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। नाशिक के बाजारों में शनिवार को प्रति 100 किलोग्राम प्याज की किमत 4,902 रुपये थी जो सोमवार को 5,551 रुपये तक पहुंच गई। केंद्र द्वारा कई तरह के उपाय किए जाने के बावजूद, प्याज की कीमतों में कोई कमी नहीं आ रही है।
मुंबई में 50 रुपये किलो के पार
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज का
खुदरा मूल्य मंगलवार को 80 रुपये किलो था, जबकि चेन्नई में 70 रुपये किलो
और मुंबई में 50 रुपये किलो था।तो वही बुधवार को बोरिवली जैसे इलाको में प्याज की किमत 60 रुपये के पास रही।
उत्पादन में 30-40
प्रतिशत की कमी
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को स्वीकार किया कि उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की कमी थी, उन्होंने इसे बारिश के पैटर्न में एकरूपता की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिससे आपूर्ति बाधित हुई, जिसके कारण मूल्य वृद्धि हुई। पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, जिसमें 56,700 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाना शामिल है, जिसमें से 1,525 टन वर्तमान में NAFED के साथ उपलब्ध है।
सरकार खुदरा विक्रेताओं के लिए 10
टन और थोक विक्रेताओं के लिए 50
टन की स्टॉक होल्डिंग सीमा लगाने पर भी विचार कर रही है ताकि बाजार में निरंतर और स्वस्थ आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार प्याज के आयात के लिए एक सुगमकर्ता के रूप में भी काम करेगी।
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