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खुले मैनहोल "मौत का जाल"- बॉम्बे हाईकोर्ट

बीएमसी को 28 नवंबर तक उन्हें कवर करने का दिया निर्देश

खुले मैनहोल "मौत का जाल"- बॉम्बे हाईकोर्ट
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68 वर्षीय महिला की  एक मैनहोल में गिरने और अपनी जान गंवाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट मे मुंबई की सड़को पर खुले पड़े मैनहोल को लेकर बीएमसी को फटकार लगाई है।  बॉम्बे हाई कोर्ट  ( BOMBAY HIGH COURT)    ने मंगलवार को शहर में खुले मैनहोलों (open manholes)  को "मौत का जाल"(DEATH TRAP)  करार देते हुए गंभीरता से लिया और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को इन्हें तुरंत बंद करने का निर्देश दिया।

"ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर असंख्य खुले मैनहोल"

याचिकाकर्ता ने बताया कि EEH ( ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे) पर  विशेष रूप से मुलुंड से घाटकोपर तक, सर्विस रोड को जोड़ने वाली सड़क पर असंख्य खुले मैनहोल हैं। मंगलवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रूजू ठक्कर ने बताया कि ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे की सर्विस रोड पर लगभग 300 खुले मैनहोल थे।  जिसके बाद हाईकोर्ट ने बीएमसी से कहा की वो फिलहाल इस पर आदेश नही दे रहे है लेकिन सोमवार 28 नवंबर  तक हम एक बयान चाहते हैं कि इस याचिका के बाद कि इन सभी गड्ढों को कवर किया गया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने बीएमसी को ये निर्देश दिये है।  

अदालत ने 20 सबसे खराब गड्ढों वाली सड़कों की मरम्मत के संबंध में पहले के आदेश का पालन करने के लिए किसी भी विस्तार की मांग के खिलाफ बीएमसी को चेतावनी दी। बीएमसी ने पहले अदालत को मुंबई की सड़कों के कंक्रीटीकरण के बारे में एक समय सीमा दी थी। 

अदालत ने कहा कि वह 28 नवंबर तक सभी खुले मैनहोल को कवर करना चाहती है और नगर निकाय को 1 दिसंबर को एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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