2024 में मुंबई में लापरवाही और असावधानी से वाहन चलाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में भारी वृद्धि होगी। शहर के पुलिस थानों में 10,000 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं। इसकी तुलना में 2023 में केवल 404 एफआईआर दर्ज की गईं।
कई मामले दर्ज
2024 में कुल एफआईआर में से 8,588 आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और 336 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत दर्ज की गईं। इसके अलावा, 582 मामले धारा 337 (चोट पहुंचाना) और 1,628 मामले धारा 338 (गंभीर चोट पहुंचाना) से संबंधित थे।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अनिल कुंभारे ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद, अपराधियों के ड्राइविंग लाइसेंस या तो निलंबित कर दिए जाते हैं या रद्द कर दिए जाते हैं। पुलिस ने साकीनाका, चकला, पवई, नागपाड़ा, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ओशिवारा जैसे क्षेत्रों को खतरनाक ड्राइविंग के लिए हॉटस्पॉट बताया।
वर्ष 2022 में एफआईआर में वृद्धि हुई जब पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने सख्त प्रवर्तन उपाय शुरू किए।उनके मार्गदर्शन में, गलत दिशा में या लापरवाही से वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामले दर्ज किए गए। उनके वाहन जब्त कर लिए गए और उन्हें अदालत में पेश किया गया। यह कार्यान्वयन भविष्य में भी जारी रहेगा।
2021 में महाराष्ट्र द्वारा अधिसूचित मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 द्वारा इसे और मजबूत किया गया। यातायात पुलिस सूत्रों ने माना है कि कानूनी कार्रवाई में वृद्धि के बावजूद लापरवाही से वाहन चलाने की घटनाओं में कोई बड़ी कमी नहीं आई है।
एफआईआर के अलावा, यातायात पुलिस ने 2024 में विभिन्न यातायात उल्लंघनों के लिए 65 लाख से अधिक मोटर चालकों पर जुर्माना लगाया, जिससे 526 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।हालाँकि, इसमें से केवल 157 करोड़ रुपये ही वसूल किये जा सके। इन्हें शहर के 41 यातायात विभागों और मल्टीमीडिया निगरानी प्रणालियों के माध्यम से क्रियान्वित किया गया।
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