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शिक्षा का मंदिर बना लूट का केंद्र


शिक्षा का मंदिर बना लूट का केंद्र
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दिनोंदिन स्कूलों में बढ़ रही फीस से बच्चो के परिजन परेशान हैं। उनके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि हर साल इतना पैसा कहां से लाए? हर साल फीस के नाम पर स्कूलों द्वारा अभिभावकों को लूटा जा रहा है। इस बाबत अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े से शिकायत की थी, शिक्षा मंत्री ने जल्द ही पर जानकारी लेकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

नीचे दिए गये फीस स्ट्रक्चर को देखकर आपके होश उड़ जायेंगे।

अभिभावकों ने फोरम फॉर फेयरनेस इन एज्यूकेशन संस्था के पास अंधरी स्थित लोखंडवाला स्कूल का उदहारण देते हुए कहा कि इस स्कूल में के.जी से लेकर पहली तक एडमिशन के लिए प्रवेश फीस ले जाती है। इस स्कूल की प्रवेश फीस 1500 रूपये है, लेकिन इसके अलावा री-एडमिशन फीस के लिए 25 हजार रूपये, सिक्युरिटी फीस के रूप में 30 हजार रूपये लिए जा रहे हैं। यही नहीं स्कूल द्वारा अभिभावकों को निर्देश दिया गया है कि वे 15 अप्रैल से पहले पहले प्रवेश न कराने पर प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा। फोरम के प्रमुख जयंत जैन ने इस सम्बन्ध में शिक्षा मंत्री से मिलकर हल निकालने की बात कही है।

जबकि दूसरी तरफ डोम्बिवली के ओमकार इंटरनेशनल स्कूल में इस साला फीस में 45 फीसदी तक की वृद्धि की है। ट्रान्सपोर्ट, बूक, ,वार्षिक स्नेह सम्मेलन कार्यक्रम के नाम पर स्कूलों द्वारा मनमाना पैसे वसूला जाता है। स्कूल द्वारा इतना फीस की दर में वृद्धि करने से अभिभावकों के सामने बजट को लेकर चिंता फ़ैल गयी है। अभिभावकों ने इस शुक्रवार को स्कूल प्रशासन से मिलने की बात कही है। इसमें कोई दो राय नहीं हैं की स्कूलों द्वारा जिस तरह मनमाने ढंग से पैसा

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