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पारले ने बिस्किटों के दामों में की वृद्धि, लागत बढ़ने से किया गया फैसला

उत्पाद शुल्क की बढ़ती लागत लगातार बढ़ रही है। तो वहीं, कच्चे माल की कीमतों में भी तेजी जारी है। जिसका असर कंपनी के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है।

पारले ने बिस्किटों के दामों में की वृद्धि, लागत बढ़ने से किया गया फैसला
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देश की सबसे पुरानी बिस्किट कंपनियों में से एक मशहूर बिस्किट कंपनी पारले (parle) अपने बिस्किट ब्रांड पारले जी (parle g) के दामों में वृद्धि की है। इसका कारण रॉ मटेरियल का महंगा होना बताया जा रहा है। यानी प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने के कारण ही कंपनी ने यह कदम उठाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पारले ने अपने उत्पादों की कीमत में 5 से 10 फीसदी तक की वृद्धि किया है।

पारले कंपनी के एक अधिकारी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीनी, गेहूं और तेल जैसे कच्चे माल की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए कंपनी ने बिस्कुट के दाम बढ़ाने का फैसला किया है।

अब पारले के सबसे लोकप्रिय ग्लूकोज बिस्किट की कीमत छह से सात फीसदी तक बढ़ गई है। कंपनी ने टोस्ट और केक की कीमतों में भी क्रमश: 5-10 फीसदी और 7 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी की है।  बिस्कुट में पारले-जी(parle g), हाइड एंड सिक (hide & sick) और क्रैकजैक (crackjack) जैसे लोकप्रिय बिस्कुट भी शामिल हैं।

पारले रस्क के लिए, कंपनी ने 300 ग्राम पैक के लिए लगभग 10 रुपये और 400 ग्राम पैक के लिए लगभग 4 रुपये की कीमत में वृद्धि की है।

निचले यूनिट पैक के लिए, जो कि 10-20-30 रुपये का एमआरपी पैक है, कंपनी उसकी एमआरपी बनाए रख रही है, लेकिन उसके वजन में कमी करने का निर्णय लिया गया है।

इस बारे में पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर एग्जिक्यूटिव मयंक शाह ने कहा, 'हमने कीमतों में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। कंपनी ने 20 रुपये से अधिक कीमत के बिस्कुट और अन्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की है। कीमतों को स्थिर रखने के लिए बिस्कुट के पैकेट का वजन कम किया गया है।

उत्पाद शुल्क की बढ़ती लागत लगातार बढ़ रही है। तो वहीं, कच्चे माल की कीमतों में भी तेजी जारी है। जिसका असर कंपनी के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है। शाह ने कहा कि कंपनी ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है क्योंकि खाद्य तेल जैसी सामग्री की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 50-60 फीसदी की बढोत्तरी हुई है।

इस वित्तीय वर्ष में पारले कंपनी द्वारा की गई यह पहली वृद्धि है।  इससे पहले जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में कंपनी ने अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। लेकिन यह बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2020-2021 में हुई थी।

बता दें कि इसके पहले पारले जी ने इसी साल की शुरुआत में भी अपने कुछ प्रोडक्ट की कीमतों को बढ़ाया था। इसके अलावा कोरोना के दौरान पारले के बिस्कुट की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई थी। इस वजह से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में 5% की बढ़त आ गई थी।

पारले के बिस्किटों में सबसे ज्यादा बिक्री पारले जी ग्लुकोज की होती है। यह ब्रांड देश के दूरदराज गांवों तक पाया जाता है।

अगर इसके इतिहास के बारे में बात करें तो पारले जी का इतिहास करीबन 82 साल पुराना है। इसकी शुरुआत मुंबई के विले पारले इलाके से साल 1938 में हुई थी। इस समय देश भर में पारले जी की कुल 130 फैक्टरी हैं। इसमें से 120 कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग का काम करती हैं। भारत में बिस्कुट का कुल कारोबार 37 हजार करोड़ रुपए का है।

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