हैंकॉक ब्रिज के पुनर्निर्माण का काम जल्द ही अब शुरू होगा। इस ब्रिज को बनाने के लिए बीएमसी की तरफ से जिन ठेकेदारों की नियुक्ति की गयी थी उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के बाद इस टेंडर को रद्द कर दिया गया था। उसके बाद नया टेंडर निकालने के बाद फिर से बीएमसी ने नए ठेकेदारों को नियुक्त किया था। अब इस काम का ठेका साईं कँपनी को दिया गया है। इस ब्रिज के बन जाने से स्थानीय निआवासियों की परेशानी काफी कम हो जाएगी।
दो साल से अटका पड़ा है प्रोजेक्ट
मझगांव-सैंडहर्स्ट शिवदास चॉप्सी स्थित हैंकॉक ब्रिज अंग्रेजों के जमाने के होने के नाते मध्य रेलवे ने इसे यूज करना खतरे से खाली नहीं होने के मद्देनजर इसे तोड़ कर नया ब्रिज बनाने का निर्णय लिया था। इसलिए इस पुल को बनाने के लिए बीएमसी की तरफ से एक टेंडर जारी किया गया। बीएमसी ने यह टेंडर जे.कुमार कंपनी को दिया था। लेकिन मामला उस समय गरम हो गया जब इस बात का खुलासा हुआ कि जे. कुमार कंपनी को रास्ता घोटाले के कारण बीएमसी ने पहले से ही ब्लैक लिस्ट की सूची में रखा हुआ है इसीलिए इसे कैसे ठेका मिल सकता है? होहल्ला होने के बाद मामला हाईकोर्ट में गया और कोर्ट ने ठेका ही रद्द करने का आदेश बीएमसी को दिया। तब से अब तक यानि दो साल होने के बाद भी यह कमा अटका पड़ा है।
साईं प्रोजेक्ट को मिला ठेका
ब्रिज तोड़े जाने के बाद स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी होने लगी। 2 मिनट का रास्ता तय करने में निवासी आधे घंटे का रास्ता तय करते। शिकायतों का अम्बार लगता देख यह मांग उठने लगी कि इस पुल को बनाने के लिए सेना की मदद ली जाए. आखिरकार अब जाकर किसी तरह से इस काम का टेंडर प्रक्रिया पूरी करते हुए 51.70 करोड़ रूपये का टेंडर जारी किया। इस टेंडर में चार कंपनियों ने हिस्सा लिया जिसमें सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी साईं प्रोजेक्ट को यह टेंडर दे दिया गया।
कैसे होगा हैंकॉक ब्रिज
लंबाई : 64.62 मीटर
चौड़ाई : 30.8 मीटर
स्पैन : 1
निर्माण कार्य की सामग्री : स्टील, गार्डर, आरसीसी एक स्लैब