कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में फिलहाल लॉक डाउन को लागू किया गया हुआ है हालांकि लोग डॉन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर भी इससे काफी गहरा असर पड़ा हुआ है। इस प्रभाव को कम करने के लिए गए निर्णयों के रूप में, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को टर्म लोन की किश्तों के भुगतान पर दी गई मोहलत (Moratorium) को 1 जून 2020 से अगले तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया।
इससे पहले लॉकडाउन की घोषणा के बाद 27 मार्च 2020 को यह मोहलत 1 मार्च 2020 से 3 महीने के लिए दी गई थी, जिसे आज आरबीआई ने 1 जून से 3 महीनों के लिए और बढ़ा दिया। साथ ही 31 मार्च, 2021 तक वर्किग कैपिटल को मूल स्तर तक मार्जिन को बहाल करने की अनुमति दी जा रही है।
आपको बता दें कि इसके पहले भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से लोन की ईएमआई के बारे में किस ही फैसला लिया गया था। 27 मार्च को, आरबीआई गवर्नर ने वित्तीय संस्थानों को टर्म लोन पर 3 महीने की मोहलत देने और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज में छूट देने के फैसले की घोषणा की थी।
गवर्नर ने यह भी घोषणा की कि आरबीआई ने रेपो दर में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके 4.4% से 4% कर दिया है। रिवर्स रेपो दर को समायोजित रुख बनाए रखने के लिए 3.35% पर रखा गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, क्रेडिट की पूर्व और पोस्ट शिपमेंट के पहले और बाद क्रेडिट की अधिकतम अवधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 15 महीने कर दी गई है।