आवाज फाउंडेशन (Awaz foundation) ने मुंबई और महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थानों से लाउडस्पीकर (Loudspeaker) हटाकर ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की मांग की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से देश भर के धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर हटाने का अनुरोध किया है। आवाज फाउंडेशन के प्रमुख सुमैरा अब्दुल अली ने इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है।
आवाज फाउंडेशन ने इस संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उस समय, अदालत ने फैसला सुनाया था कि धर्म ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने का स्थान नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और पुलिस को नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) ने महाराष्ट्र और पूरे देश को समय-समय पर इस संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं।
आवाज फाउंडेशन से नागरिकों द्वारा प्राप्त शिकायतें मुंबई और नवी मुंबई पुलिस के साथ ट्विटर पर दर्ज की गई हैं। मांग की गई कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वर्तमान में सोशल मीडिया प्रमुख है। मोबाइल फोन, टेलीविजन और रेडियो नेटवर्क जैसी नई तकनीकों का उपयोग करके किसी भी संदेश को तुरंत और प्रभावी ढंग से वितरित किया जा सकता है। फाउंडेशन एक पत्र में कहता है कि उसे धार्मिक या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है।
यह न केवल ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करता है बल्कि कोविद जैसे महामारी के दौरान संक्रमण के जोखिम को भी कम करता है। धार्मिक समारोहों के लिए लोगों की भीड़ से बचा जाएगा। सुमैरा अब्दुल अली ने कहा कि धार्मिक उद्देश्यों के लिए रेडियो, टेलीविजन और मोबाइल फोन जैसी नई तकनीकों का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए और ध्वनि प्रदूषण जैसे लाउडस्पीकर से बचा जा सकता है।