लोगों को कुष्ठ रोगियों और कुष्ठ रोग के बारे में समझाने और उनमें कुष्ठ रोग के बारे में जागरुकता लाने के लिए बॉम्बे कुष्ठ परियोजना की ओर से 1 फरवरी से 17 फरवरी के बीच विषेश अभियान चलाया जाएगा। यह विशेष अभियान मुंबई के मालाड और मालवानी इलाके में पहली बार शुरु किया जाएगा। इस विशेष अभियान में, समाज में कुष्ठरोग और लोगों ने उसके प्रति घृणा को कम करने के प्रयास किए जाएंगे।
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बॉम्बे लेप्रसी प्रोजेक्ट संस्था की ओर से हर साल 30और 31 जनवरी को 'स्पर्श' नाम की एस विशेष मुहीम चलाई जाती है। इसके बाद मलाड और मालवणी क्षेत्र में कुष्ठ रोग के बारे में एक विशेष सर्वेक्षण किया गया। इस मुहिम के तहल लोगों के घरों में जाकर लोगों से इस रोग के बारे में अलग अलग तरह के सवाल पुछे गये।
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कुष्ठरोग मुंबई के आरोग्य सहाय्यक संचालक डॉ.राजू जोटकर का कहना है की 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथी होती है और इस दिन को कुष्ठरोग निवारण दिन के नाम से भी जाना जाता है। इसी के आधार पर 30 जनवरी को स्पर्श नाम की ये विशेष मुहीम चलाई जाती है। जिससे लोगों में कुष्ठ रोगों के बारे में जानकारियां मिल सके।
एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष डॉ. पी. एम. भुजंग का कहना है की
"कुष्ठ रोग का उपचार दवाओं और प्राथमिक दिनों में ठीक किया जा सकता है। इन रोगों मुख्य रूप से त्वचा, परिधीय धमनियों के बीच को प्रभावित, श्वसन और आंखों के ऊपरी हिस्सों पर कई तरह के प्रभाव पड़ते है। आपको बात याद रखना होता है कि, भले ही कुष्ठ रोग लंबे समय तक चलने वाला हो,लेकिन सही उपचार से इसे रोका जा सकता है।