बीएमसी के अस्पताल केइएम, सायन और कस्तूरबा अस्पतालों सहित मुंबई उपनगर के मात्र पांच अस्पतालों में ही आग से जले हुए मरीजों के लिए विशेष कक्ष बनाया गया है। अब सभी उपनगरीय अस्पतालों में 'स्टैंड अलोन बर्न्स सेंटर' की सुविधा देने का प्रस्ताव पेश हुआ है। इसके लिए बजट का भी प्रावधान किया गया है।
मुंबई के बीएमसी अस्पतालों केईएम,सायन और नायर तीन प्रमुख अस्पतालों सहित कुल 16 उपनगरीय अस्पताल हैं। इनमे केईएम, सायन सहित उपनगर के मात्र 5 अस्पतालों में ही जले हुए मरीजों के लिए विशेष कक्ष बनाया गया है। इनमे कुल 116 बेड की व्यवस्था है। कस्तूरबा में कुल 25 बेड जले हुए मरीजों के लिए है जिनमें से 2 बेड दमकल कर्मियों में लिए रिजर्व है।
होता है विशेष उपचार
इन प्रमुख अस्पतालों में जले हुए मरीजों के लिए बर्न्स विभाग में अत्याधुनिक उपकरण हैं जिनकी सहायता से उनका उपचार किया जाता है। इसके लिए सर्जन्स, प्लस्टिक सर्जन्स, नेफ्रालॉजिस्ट को आवश्यकतानुसार बुलाया जाता है।
सायन अस्पतला में होगा बर्न्स सेंटर का विस्तारीकरण
डॉ. सुपे ने बताया कि देश की पहली त्वचा बैंक लोकमान्य तिलक अस्पताल यानी सायन अस्पताल में शुरू हुई है। इस अस्पताल में जले हुए मरीजों के लिए 14 बेडो की व्यवस्था की गई है। अब आगे भी इसका विस्तार किया जायेगा।
कस्तूरबा में प्लस्टिक सर्जरी विभाग
डॉ. अविनाश सुपे ने आगे बताया कि कस्तूरबा अस्पताल में विशेष कक्ष रेफरल सेंटर में 25 बेडों की संख्या है जिनमें 5 बेडो को बढ़ाया जाएगा। साथ ही और भी अच्छा उपचार हो इसके लिए प्लस्टिक सर्जरी यूनिट की भी स्थापना की जाएगी।
डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।
मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।
(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दे)