मुंबई में भटकते कुत्तो की नशबंदी के बाद अब आवार बिल्लियों की भीनशबंदी की जाएगी। बिल्ली की नसबंदी करके पशु उत्पादन प्रणाली लागू की जाएगी। बीएमसी के इस अभियान को भारतीय पशुकल्याण मंडल की ओर सं मंजूरी मिल गई है। बीएमसी 1 अप्रैल से इसकी शुरुआत करने जा रही है और इस अभियान के लिए नगर निगम एक करोड़ रुपये खर्च करेगी।
बिल्लियों की संख्या में वृद्धि
मुंबई शहर के उपनगरों में बिल्लियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बिल्ली का प्रजनन कुत्तों की तुलना में अधिक है, और बिल्लियां साल में चार बार बच्चे पैदा कर सकती है। । आवारा बिल्ली एक बार में औसतन 2 से 5 पिल्लों को जन्म देती है। उनकी संख्या कुत्तों की तुलना में अधिक है। बिल्लियों की प्रजनन क्षमता ज्यादा होने के कारण इनसे जुड़ी बीमारियां भी ज्यादा है। शिवसेना के नगरसेवक अनिल पाटनकर ने भी सुझाव दिया था कि बिल्ली की नसबंदी की जानी चाहिए।
अभियान के लिए एक करोड़ रुपये की मंजूरी
बीएमसी ने इस परियोजना के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। एक बिल्ली को पकड़ने और उनकी नसबंदी के लिए 1200 रुपये खर्च किये जाएगे।
इस बीच, निगम ने इस परियोजना के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही, इस प्रयोजन के लिए, नसबंदी के लिए लेने और रोकने के लिए 1200 रुपये की कुल लागत बिल्ली द्वारा वहन की जाएगी। मुंबई में डब्ल्यूएसटी, वेल्फेअर ऑफ स्ट्रे डॉग, बॉम्बे एसपीसीए, आयडिया इंडिपेंडन्स ऑफ अॅनिमल्स, अहिंसा , मालाड, ‘उत्कर्ष सामाजिक संस्था जैसी जगहो पर बिल्लियों की नशबंदी की जाएगी।
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