महाराष्ट्र में लंपी रोग (lumpy virus) से जानवर परेशान है। कई इलाको में इस बीमारी से जानवरो की मौत भई हो गई है। लंपी रोग एक वायरल त्वचा रोग है जो केवल मवेशियों को प्रभावित करता है। पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि अगर इस बीमारी को लेकर सोशल मीडिया के जरिए कोई अफवाह फैलाई जाती है तो संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिंह ने सरकार की ओर से सभी पशुपालकों से अपील की है कि लंपी रोग केवल गायों और बैलों में होता है और इससे मानव स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता है। इस बीमारी के प्रसार को न बढ़ाने के लिए और लोगों को जागरुक करने के लिए ग्राम पंचायत और नगर परिषद के अधिकारियों ने सोशल मीडिया आदि का इस्तेमाल किया है। पशुपालन विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों को इसका प्रयोग कर जन-जागरूकता पैदा करने के निर्देश दिए गए।
ग्राम पंचायतो से कीटनाशक का छिड़काव की अपील
सरकारी पशु चिकित्सकों के साथ-साथ निजी पशु चिकित्सा पेशेवरों को महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरीज साइंसेज द्वारा दिए गए प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज करना चाहिए। सरकारी अधिकारियों को पशु प्रजनकों के पास जाना चाहिए और दवा और टीकाकरण का प्रबंध करना चाहिए। सरकार की ओर से मुफ्त दवा और टीकाकरण की योजना बनाई गई है।
इस संबंध में शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पशुपालकों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसी शिकायतों की सूचना विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-2330-418 या राज्य स्तरीय पशु सेवा कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1962 पर दें। यह रोग मक्खियों, मच्छरों, तिलचट्टों आदि द्वारा फैलता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए।
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