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दो सालों में सड़क दुर्घटनाओं में 20 फिसदी की आई कमी - रिपोर्ट

ब्लैक स्पॉट्स की सक्रिय पहचान और प्रबंधन, हेल्मेट पहनने के प्रभावी तरिको को प्रसारित करने के कारण ये कमी आई है।

दो सालों में सड़क दुर्घटनाओं में 20 फिसदी की आई कमी - रिपोर्ट
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ग्लोबल रोड सेफ्टी के लिए ब्लूमबर्ग फिलैथ्रोपिज इनिशिएटिव ने मुंबई ट्रैफिक पुलिस के साथ एक अध्ययन किया, जिसमें पता चला कि 2015 के बाद से शहर में सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो सालों में सड़क दुर्घटनाओं में 20 फीसदी की कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक, 2015 के बाद से सड़क हादसों की संख्या में कमी आई ।

2015 में 611 लोगों की सड़क हादसों में मौत

2015 में 611 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो गई थी तो वही दूसरी साल 2017 में 490 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई। । इससे संकेत मिलता है कि पिछले दो वर्षों में दुर्घटनाओं में 20 फीसदी की कमी आई है।

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अधिकारियों के मुताबिक, ब्लैक स्पॉट की सक्रिय पहचान और प्रबंधन, हेल्मेट पहनने के प्रभावी तरिके के , इंजीनियरिंग समाधानों के साथ-साथ पिछले दो वर्षों में घातक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। अध्ययन के अनुसार, पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्ग (ईईएच) शहर में एक 'हाई जोखिम वाला क्षेत्र' है ।

आंकड़ों से पता चला है कि पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों में से 52 प्रतिशत पैदल यात्री थे और  38 प्रतिशत मोटरसाइकिल थे। पीड़ितों में से 83 प्रतिशत पुरुष थे, जिनमें से 62 प्रतिशत 15 से 44 आयु वर्ग में थे।

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एक यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहले मोटरसाइकिल और पिलियन सवार हेलमेट का उपयोग नहीं किया करते थे, लेकिन जांच और ई-चालान की पहल के साथ मोटरसाइकिलिस्ट ने हेलमेट पहने शुरू कर दिए। इसके अलावा 2015 में 68 प्रतिशत लोग ही हेलमेट पहनते थे, जबकी साल 2018 में 92 फिसदी लोग हेलमेट पहनने लगे।

केवल एक प्रतिशत पिलियन सवार ही पहनते है हेलमेट

अध्ययन निष्कर्षों के मुताबिक, केवल 43 प्रतिशत पिलियन सवार हेलमेट सही तरीके से पहनते है। इसके अलावा, केवल एक प्रतिशत पिलियन सवार पहले ही हेलमेट पहनते हैं।

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