अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक रूप से पिछड़ा विकास निगम, महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम, वसंतराव नाइक विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति विकास निगम में एक विशेष ऋण नीति लागू की जा रही है ताकि व्यक्तिगत एवं सामूहिक ऋण ब्याज वापसी योजना की महिला लाभार्थी व्यवसाय शुरू कर सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने निर्देश दिया कि निगम इस ऋण योजना से जुड़ने के लिए मुंबई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ समझौता करें।(Take advantage of the special loan policy scheme for the economic empowerment of women - Minister Aditi Tatkare)
अधिकारियों के साथ बैठक
मंत्री अदिति तटकरे, मुंबई बैंक द्वारा शुरू की गई विशेष ऋण योजना, आंगनवाड़ी निर्माण के संबंध में मंत्रालय में आयोजित एक बैठक में बोल रही थीं। इस अवसर पर मुंबई बैंक के अध्यक्ष प्रवीण दरेकर, विधायक चित्रा वाघ, अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक पिछड़ा विकास निगम के अध्यक्ष नरेंद्र पाटिल, संयुक्त सचिव वी. रा. ठाकुर, वित्त विभाग की संयुक्त सचिव स्मिता निवतकर, संयुक्त सचिव एम. पी. साबले, वसंतराव नाइक विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति विकास निगम के प्रबंध निदेशक प्रताप पवार, महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के महाप्रबंधक आनंद लोमटे आदि उपस्थित थे।
विशेष निर्देश जारी करने की मांग
मंत्री तटकरे ने कहा कि ब्याज वापसी योजनाओं के लिए मुंबई बैंक को अधिकृत किया जाना चाहिए और तत्काल एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने चाहिए। निगम की ब्याज वापसी योजना की महिला लाभार्थियों को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा क्योंकि उन्हें लाडली बहन योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में विशेष निर्देश जारी किए जाने चाहिए। इस योजना के माध्यम से, मुंबई में पात्र महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
10,000 से 1,00,000 तक के ऋण उपलब्ध कराए जाएँगे।
मुंबई बैंक की इस पहल के तहत महिलाओं को 1 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। इसमें 5 से 10 महिलाएं एक साथ मिलकर व्यवसाय कर सकती हैं। मुंबई बैंक के अध्यक्ष प्रवीण दरेकर ने कहा कि 10,000 से 1,00,000 तक के ऋण उपलब्ध कराए जाएँगे। मुंबई में मुंबई बैंक के कुल 16.07 लाख बचत खाते हैं। इनमें से 53,357 महिलाओं ने 'माझी लड़की बहन योजना' के तहत शून्य शेष राशि वाले खाते खोले हैं। पात्र महिलाओं को सरकार से हर महीने सीधे 1500 मिल रहे हैं।
आंगनवाड़ी निर्माण में एकरूपता और आधुनिक तकनीक का उपयोग आवश्यक
मंत्री तटकरे ने निर्देश दिए कि राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में एकरूपता अपनाई जाए और आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना करते समय, पूरे राज्य में एक ही पद्धति अपनाई जाए और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। बिजली आपूर्ति के साथ-साथ, ऊर्जा संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, आंगनवाड़ियों में दिए जाने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल उपाय किए जाएँ। उन्होंने कहा कि जहाँ आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वहीं सरकार उन्हें सर्वोत्तम स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।