मुंबई समेत आसपास के इलाकों में दिन पर दिन गर्मी(Summer) बढ़ती जा रही है। इसके अलावा, हवा में नमी और गर्मी बढ़ने से कई तरह की स्वास्थ्य शिकायतें होने लगी हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के पास आने वाले लोगों में बुखार, लाल आँखें, होठों पर फफोले, अंगों पर मुंहासे, पीठ पर निशान, पेट में ऐंठन, दस्त की संख्या में वृद्धि होती है। इससे बच्चों में बुखार(Fever) की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।
बच्चों को कई तरह की समस्याएं होने की संभावना होती है। छोटे बच्चों में वायरल संक्रमण बढ़ रहा है। ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है, लेकिन बुखार 2 से 3 दिनों तक रहता है। इसलिए, सही समय पर चिकित्सा उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है।
कुछ रोगियों में कोरोना परीक्षण नकारात्मक आते हैं, टाइफाइड का निदान किया जाता है। लेकिन अगले कुछ दिनों में फिर से बुखार आने लगा। उस समय, कोरोना संक्रमण के परीक्षण से पता चला कि वे सकारात्मक थे। इसलिए, बुखार के लक्षणों को अधिक ध्यान से देखा जाना चाहिए। डॉक्टरों के साथ निरंतर संचार होना चाहिए जो चिकित्सा उपचार दे रहे हैं। यदि शारीरिक लक्षणों में कोई परिवर्तन होता है, तो इसकी सूचना डॉक्टर को दी जानी चाहिए।